परमाणु जन दायित्व विधेयक पर भाजपा का वॉकआउट
एक ओर भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने सदन में कहा "यह विधेयक संविधान के अनुच्छेदों के विपरीत है। यह गैर कानूनी और असंवैधानिक है।" दूसरी ओर भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने इस कानून के सामर्थ्य पर सवालिया निशान लगाया। विदेश मंत्री सिन्हा ने सरकार पर अमेरिकी दबाव में काम करने का आरोप लगाया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरूदास दासगुप्ता ने कहा, "मैं इसका पूर्णत: विरोध कर रहा हूं।"
पहलेपहल संसद के बजट सत्र के मार्च में हुए पहले चरण में विपक्ष के रवैये को देखते हुए सरकार ने इस विधेयक को पेश करना टाल दिया था। लेकिन सरकार ने बजट सत्र के अंतिम दिन इस विधेयक को पेश कर कूटनीतिक रणनीति का परिचय दिया। उल्लेखनीय है कि इस कानून का पारित होना भारत-अमेरिका के बीच संपन्न 123 असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को लागू किये जाने के लिए अनिवार्य है।
परमाणु जन दायित्व विधेयक में प्रावधान है कि किसी भी परमाणु दुर्घटना की स्थिति में परमाणु संयंत्र के ऑपरेटर को अधिकतम 500 करोड़ रुपये का हर्जाना देना होगा। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि परमाणु जन दायित्व विधेयक को विदेशी दबाव में लाया गया है। सरकार ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया है। उल्लेखनीय है कि इस विधेयक को जांच के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भी भेजा जा सकता है।