कसाब को सजा के बाद सीएसटी पर सब कुछ सामान्य
मुंबई, 7 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी की सजा सुनाए जाने के दूसरे दिन शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) पर सब कुछ सामान्य रहा। मुंबई पर आतंकवादी हमले के दौरान कसाब और उसके एक और साथी ने सीएसटी पर 50 से अधिक बेगुनाहों की हत्या कर दी थी।
इस हमले के दौरान एकमात्र जीवित पकड़े गए आतंकवादी कसाब को गुरुवार को सजा-ए-मौत होने के बाद सीएसटी पर मौजूद लोगों की भीड़ ने तालियां बजाकर फैसले के प्रति खुशी जाहिर की थी।
कुछ लोगों ने 26 नवंबर, 2008 की इस घटना में मारे गए लोगों की स्मृति में मोमबत्तियां जलाईं।
सीएसटी पर शुक्रवार का दिन किसी भी अन्य दिन की तरह सामान्य था। रायगढ़ और ठाणे जिले को जोड़ने वाले मुंबई के इस व्यस्ततम रेलवे स्टेशन पर हर रोज की तरह लोगों की भारी भीड़ रही। यहां सब कुछ हमेशा की तरह सामान्य गति से चल रहा था।
यद्यपि कुछ लोगों के बीच कसाब को मिली सजा चर्चा का विषय बनी रही।
सीएसटी से नियमित सफर करने वाली अश्मिता पिल्लै ने कहा, "हमें इस बात से निराशा हुई है कि कसाब के पास अब भी उच्च न्यायालय और सर्वोच्चन न्यायालय में अपील का अवसर है।"
पिल्लै उन तमाम लोगों में शामिल हैं जो चाहते हैं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले कसाब को बिना किसी देरी के तुरंत फांसी पर लटका दिया जाए।
एक और नियमित यात्री जॉनी गोम्स को आज भी हमले का वह दिन याद है।
गोम्स कहते हैं, "मेरी ठाणे के लिए रेलगाड़ी छूट गई थी जब मैंने बंदूकों की आवाजें सुनी तो मैं रेस्ट रूम में था, पहले मुझे लगा कि यह पटाखों की आवाज है लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने दो शव देखे। तब मुझे तुरंत एहसास हुआ कि यहां आतंकवादी हमला हुआ है।"
उन्होंने कहा, "मैं तुरंत भागा और एक रेलगाड़ी के चालक के कोच में पहुंचा जहां मुझे बताया गया कि गाड़ी रद्द हो गई है। मैं बाहर की ओर भागा और पहले एक बस फिर टैक्सी पकड़कर अपने घर पहुंचा।"
एक अन्य यात्री अनुकूल भावसार ने कहा कि उन्हें कसाब को फांसी की सजा सुनाए जाने पर खुशी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।