बीमा नियामक ने यूलिप पर नियम कड़े किए
चेन्नई, 4 मई (आईएएनएस)। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) ने यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) जारी करने के नियम कड़े कर दिए हैं। शेयर बाजार से जुड़े इन वित्तीय उत्पादों को लेकर सेबी और आईआरडीए में विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी।
आईआरडीए ने कहा है कि नए नियम एक जुलाई से लागू होंगे। नए नियमों के मुताबिक पेंशन और एन्युटी प्रोडक्ट समेट सभी यूलिप योजनाओं में मृत्यु के समय एक न्यूनतम राशि की देयता अनिवार्य कर दी गई है।
लोकप्रिय निवेश उत्पाद यूलिप के नियमन को लेकर शेयर बाजार नियामक सिक्योरिटी एण्ड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की आपत्तियों के बाद नियमों में यह बदलाव किया गया है।
हालांकि आईएएनएस से बातचीत करते हुए आईआरडीए के सदस्य आर कन्नन ने कहा, "नीतियों की समीक्षा एक क्रमिक प्रकिया है, इसका सेबी के साथ हुए विवाद का कोई संबंध नहीं है।"
सेबी ने पिछले माह 14 बीमा कंपनियों के यूलिप उत्पाद बेचने पर रोक लगा दी थी। सरकार के हस्तक्षेप के बाद रोक हटा ली गई थी। इसके बाद मामला न्यायालय में जा चुका है वहीं इस बात का फैसला होगा कि यूलिप उत्पादों का नियमन कौन करेगा।
आईआरडीए ने अब यूलिप पर लिए जाने वाले लोन पर रोक लगा दी है साथ ही पॉलिसी शुरू होने के पांच साल बाद ही आंशिक राशि निकालने की छूट दी गई है।
नए नियमों के मुताबिक यूलिप के पेंशन और वार्षिक वेतन उत्पादों में आंशिक निकासी पर रोक लगाने के अलावा जीवन बीमा कंपनियों को उनके समग्र कोष की राशि को वार्षिक और परिपक्वता राशि में परिवर्तित करने को कहा गया है।
फिलहाल बाजार में 47 पेंशन उत्पाद मौजूद हैं, जिनमें से 25 ही जीवन बीमा कवर उपलब्ध कराते हैं बाकी 22 उत्पादों में पॉलिसी धारक को छूट दी गई है कि वह स्वेच्छा से लाइफ कवर हासिल करे।
कन्नन ने कहा, "अभी केवल 35-40 फीसदी पॉलिसी धारकों को जीवन बीमा कवर मिला है, हम चाहते हैं कि सभी पॉलिसी धारकों को यह सेवा महैया कराई जाए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।