शराब के अत्यधिक सेवन से कैंसर का खतरा
एक शोध के माध्यम से पता चला है कि ऐसा क्रोमोसोम के सिरे पर पाए जाने वाले 'टेलोमेरेस' नाम के डीएनए की दृश्यता में आई कमी के कारण होता है। टेलोमेरेस का काम कोशिकाओं की अनुवांशिक स्थिरता को बनाए रखना होता है।
उम्र बढ़ने के साथ टेलोमेरेस की लंबाई स्वाभाविक तौर पर कम होती चली जाती है। अत्यधिक शराब के सेवन का संबंध आक्सीडेटिव तनाव और सूजन से होता है। ये दो कारक मुख्य तौर पर टेलोमेरेस की लंबाई कम करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
टेलोमेरेस के आकार में कमी आना कैंसर के खतरे के बढ़ने का प्रतीक माना जाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शराब के अत्यधिक सेवन के कारण जिनके टेलोमेरेस छोटे हो गए हैं, वे कैंसर की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
इस संबंध में इटली के मिलान विश्वविद्यालय के शोधदल के प्रमुख आंद्रे बाकारेली ने कहा, "ज्यादा शराब का सेवन करने वाले लोग थके-मांदे दिखते हैं। आमतौर पर समझा जाता है कि ज्यादा शराब पीने से समय से पहले बुढ़ापा आ जाता है। सीधे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि अत्यधिक शराब का सेवन करने से कई तरह के कैंसर का खतरा होता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।