उड़ीसा में चिकित्सकों की हड़ताल खत्म (लीड-2)
भुवनेश्वर, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। उड़ीसा में समयबद्ध पदोन्नति लागू करने की मांग को लेकर आयोजित विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद सरकारी चिकित्सकों ने रविवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली।
राज्य सरकार और उड़ीसा मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (ओएमएसए) के प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत के बाद यह कदम उठाया गया।
चिकित्सक दिन में समयबद्ध पदोन्नति प्रणाली डॉयनामिक एश्योरड करियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) को लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे।
ओएमएसए के अध्यक्ष मधुसूदन मिश्रा ने कहा, "हमने मरीजों के हित को देखते हुए अपनी हड़ताल वापस ले ली है।"
एक खबर के मुताबिक चिकित्सकों की कथित कमी के चलते क्योंझार जिले में कालीचरण नायक नामक मरीज की मौत हो गई।
राज्य सरकार ने रविवार को चेतावनी दी थी कि अगर चिकित्सक हड़ताल वापस नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने शनिवार को हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगाने और उनका पंजीयन रद्द करने की धमकी दी थी।
मिश्रा ने कहा, "हम खुश है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हमारी समस्या पर ध्यान दिया और उम्मीद है कि वह डीएसीपी को लागू कराएंगे।"
राज्य में चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने की वजह से स्वास्थ्य सेवा आंशिक रूप से प्रभावित रहीं। कई चिकित्सकों की छुट्टी रद्द करने के साथ ही इसके लिए आकस्मिक इंतजाम किए गए थे और निजी क्षेत्र के चिकित्सकों को तैनात किया गया था।
राज्य सरकार ने आयुर्वेदिक और वैकल्पिक चिकित्सकों की भी मदद मांगी थी।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा ओएमएसए सदस्यों सहित 159 चिकित्सकों का तबादला किए जाने के बाद चिकित्सकों ने इस हड़ताल का आह्वान किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।