क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सुनंदा ने कोच्चि फ्रेंचाइजी टीम से नाता तोड़ा (लीड-2)

By Super
Google Oneindia News

इसके साथ ही सुनंदा ने टीम के साथ तमाम संबंध खत्म करने की बात भी कही। उधर थरूर पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बनता दिख रहा है। उन्होंने इस मामले पर अपनी सफाई पेश करने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

सुनंदा के वकील आशीष मेहता ने रविवार को समाचार चैनल एनडीटीवी के माध्यम से यह जानकारी दी। इसी चैनल ने खबर दी थी कि रेंदेवू स्पोर्ट्स ने कंपनी कानून का उल्लंघन करते हुए सुनंदा को हिस्सेदारी सौंपी थी। इस बात का खुलासा होते ही मेहता ने सुनंदा की ओर से जारी बयान पढ़ा, जिसमें साफ लिखा था कि वह टीम में अपनी हिस्सेदारी छोड़ रही हैं।

मेहता ने कहा, "सुनंदा ने तत्काल प्रभाव से रेंदेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड फ्रेंचाइजी टीम में दी गई हिस्सेदारी छोड़ने का फैसला किया है। इस फैसले का थरूर से कोई संबंध नहीं है। यह उनका व्यक्तिगत फैसला है।"

मोदी ने सुनंदा का जो बयान मीडिया के सामने पढ़ा, वह इस प्रकार है, "मेरा पेशेवर करियर 20 वर्ष का रहा है और मैंने काफी मेहनत से अनुभव बटोरा है। मैं रेंदेवू में अपनी भूमिका को लेकर फैलाई जा रही मनगढं़त और आक्रामक खबरों को लेकर आहत हूं।"

"मैं अगले दस वर्षो तक कोच्चि फ्रेंचाइजी टीम को ब्रांड बनाने के बारे में सोच रही थी। मैं इस टीम के मैच भारत और खाड़ी के देशों में कराना चाहती थी लेकिन मैंने यह नहीं सोचा था कि अपनी हिस्सेदारी को लेकर मैं इतनी मुसीबत में पड़ जाउंगी। अब मैं इस काम के साथ नहीं जुड़े रहना चाहती।"

मेहता ने बताया कि सुनंदा ने हिस्सेदारी छोड़ने का इरादा शनिवार को ही कर लिया था लेकिन चूंकि वह उसकी पुष्टि के लिए उपलब्ध नहीं थीं, लिहाजा उनके बयान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता था।

सुनंदा का यह फैसला थरूर द्वारा प्रधानमंत्री से भेंट किए जाने के कुछ घंटों के बाद सार्वजनिक किया गया। थरूर ने प्रधानमंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखा क्योंकि विपक्ष उनकी बर्खास्तगी की जोरों से मांग कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि कोच्चि फ्रेंचाइजी टीम का मालिकाना हक रेंदेवू स्पोर्ट्स के पास है और सुनंदा काफी समय से उसके सलाहकार के तौर पर काम कर रही हैं। सुनंदा ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि रेंदेवू ने वेतन के बदले उन्हें फ्रेंचाइजी में हिस्सेदारी दी थी।

सुनंदा ने रविवार को जारी अपने बयान में भी अपने आलोचकों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया है।

सुनंदा के बयान के मुताबिक, "एक महिला पेशेवर होने के नाते मैं इस बात से आहत हूं कि कुछ पार्टियां जानबूझकर मुझे निशाने पर ले रही हैं। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि मैं एक महिला हूं। इस कारण मैं तत्काल प्रभाव से रेंदेवू स्पोर्ट्स के साथ अपने संबंध खत्म कर रही हूं और अपनी हिस्सेदारी त्याग रही हूं। मैंने इस कंपनी के लिए अब तक जो प्रयास किए हैं, उसके लिए मुझे किसी प्रकार का हर्जाना भी नहीं चाहिए।"

सुनंदा ने 14 अप्रैल को आईएएनएस को बताया था कि पिछले वर्ष रेंदेवू स्पोर्ट्स ने उनसे संपर्क किया था। कंपनी चाहती थी कि वह उसके लिए विभिन्न खेल गतिविधियों के लिए सलाहकार के तौर पर काम करें। रेंदेवू ने खास तौर पर उन्हें आईपीएल के लिए दावेदारी पेश करने की दिशा में अपने साथ जोड़ा था।

सुनंदा ने कहा था, "रेंदेवू स्पोर्ट्स ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग प्रबंधक और व्यापार कार्यकारी के तौर पर मेरे बृहत पेशेवर अनुभव को ध्यान में रखकर मुझे कोष जुटाने, नेटवर्किं ग, इवेंट मैनेजमेंट और ब्रांड के तौर पर कंपनी को स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी।"

सुनंदा बताती हैं कि उनके लिए यह काम नया और चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह नया काम था, लिहाजा रेंदेवू स्पोर्ट्स ने मुझसे कहा कि वह वेतन के बदले मुझे अपनी कंपनी में एक छोटी हिस्सेदारी देगी। दुनिया भर में किसी नए काम को लेकर इसी तरह की प्रक्रिया चलती है। मेरे लिए यह नई बात नहीं थी।"

"मुझे यह स्वीकार करना चाहिए कि मैंने काम के बदले कोई वेतन नहीं लिया। मैं जानती थी कि इक्विटी संबंधी हिस्सेदारी कागज पर हमेशा मेरे लिए मौजूद रहेगी। इसके बाद कंपनी को कोच्चि फ्रेंचाइजी टीम का मालिकाना हक मिला और अपनी इक्विटी के कारण मेरा भी कंपनी में हिस्सा बन गया।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X