जनता के पैसे बर्बाद कर रही है दिल्ली सरकार : सीआईसी (लीड-1)
नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने सार्वजनिक धन को बर्बाद करने के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना की है। एक जांच में यह बात सामने आई है कि वृद्धावस्था और विधवा पेंशन बगैर उचित सत्यापन के लोगों को दिया जा रहा है।
आईसीआई की यह आलोचना पूर्वी दिल्ली के कल्याणपुरी निवासी अली मोहम्मद सैफी द्वारा सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत दायर याचिका पर सामने आई है।
सैफी ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग से पेंशन पाने वाले 32 लोगों के बारे में जानकारी मांगी थी।
सैफी को जब विभाग से संतोषजनक जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने सीआईसी से संपर्क किया। सीआईसी ने आठ अप्रैल को इस मामले की सुनवाई की। जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) किरन गांधी और जिला अधिकारी ने सुनवाई में हिस्सा लिया।
सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने अपने आदेश में कहा, "याची ने 32 नाम उपलब्ध कराए, जिनके बारे में उसने कहा कि उन्हें वृद्धावस्था पेंशन और विधवा पेंशन गलत तरीके से दिया जा रहा है। परिणामस्वरूप विभाग ने जांच की और जांच में पाया गया कि पेंशन पाने वाले कुछ लोगों की मौत हो चुकी है, कुछ ने अपना स्थान बदल दिया है और कुछ की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है।"
आदेश में कहा गया है, "पीआईओ ने स्वीकार किया है कि नियमानुसार प्रत्येक तिमाही पर जांच करने का प्रावधान है लेकिन वाकई में जांच नहीं की गई। इससे यह बात सामने आती है कि यदि पेंशन पाने वाले 32 लोगों में से 25 लोग इसके योग्य नहीं हैं, तो पेंशन पाने वाले ऐसे लोगों का प्रतिशत बहुत बड़ा हो सकता है।"
आदेश में कहा गया है, "यह निराश करने वाली स्थिति है कि इतनी बड़ी धनराशि बगैर सत्यापन के भुगतान की जा रही है। इससे यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक धन को बिना सत्यापन के बर्बाद किया जा रहा है।"
सूचना आयुक्त ने कहा, "आयोग ने विभाग को कई आदेश दिए कि वह अपनी विभिन्न परियोजनाओं के बारे में, लाभार्थियों के नाम और अन्य विवरणों को आरटीआई के तहत घोषित कर दे। लेकिन विभाग पिछले छह महीनों से आयोग के आदेश का उल्लंघन कर रहा है और इन आदेशों को मानने से इंकार कर रहा है।"
आयुक्त ने पीआईओ को यह सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया कि सीआईसी द्वारा पूर्व में दिए गए सभी आदेशों को 20 अप्रैल तक लागू कर दिया जाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।