गर्भावस्था में व्यायाम से हल्के-फुल्के होते हैं शिशु
ऑकलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक शोध में पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने वाली महिलाओं के शिशुओं का वजन, व्यायाम न करने वाली महिलाओं के शिशुओं की अपेक्षा कम होता है।
वेबसाइट 'टेलीग्राफ डॉट को डॉट यूके' के मुताबिक विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉ. पॉल हॉफमैन कहते हैं, "हमारे अध्ययन से स्पष्ट है कि नियमित व्यायाम मां के शरीर को प्रभावित करता है और इसका भ्रूण के विकास की पोषक उत्तेजना पर असर होता है, परिणामस्वरूप जन्म के समय बच्चों का वजन कम होता है।"
हॉफमैन के मुताबिक जन्म के समय बच्चों का वजन अधिक हो तो उनमें आगे चलकर मोटापे की संभावना का खतरा रहता है और वजन कम होने से स्वास्थ्य संबंधी दीर्घकालिक फायदे हो सकते हैं। जिन बच्चों का जन्म के समय वजन कम होता है उनमें जीवन के अंतिम वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कम होती हैं।
इस अध्ययन में पहली बार मां बनने वाली 84 महिलाओं को शामिल किया गया था। इन महिलाओं से प्रति सप्ताह हर दिन पांच से 40 मिनट तक व्यायाम करने के लिए कहा गया था।
परिणामों से ज्ञात हुआ कि जिन महिलाओं ने व्यायाम किया उनके शिशुओं का वजन व्यायाम न करने वाली महिलाओं के शिशुओं से औसतन 143 ग्राम कम था।
अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि कम वजन वाले शिशु लंबाई में कम नहीं होते हैं और उनमें पोषण की कमी के भी कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।