भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद रोकने की सख्त चेतावनी दी (लीड-1)
वाशिंगटन, 16 मार्च (आईएएनएस)। विदेश सचिव निरुपमा राव ने सोमवार को कहा कि भारत ने वार्ता का मार्ग छोड़ा नहीं है लेकिन अपने खिलाफ ध्वंसात्मक कार्रवाइयों को बढ़ावा देने वालों से प्रभावी तरीके से निपटने की उसके पास क्षमता है।
वाशिंगटन के प्रसिद्ध थिंक टैंक वुडरो विल्सन सेंटर में सोमवार को राव ने कहा, "उकसावों के अलावा हम आतंकवादियों का निरंतर सामना कर रहे हैं, जिनका संबंध पाकिस्तान की धरती से है। पाकिस्तान जमीन से ताल्लुक रखने वाले आतंकवादियों से मुश्किलें झेलने के बावजूद हम संवाद के रास्ते से अलग नहीं हुए हैं।"
उन्होंने कहा, "अमेरिका की तरह भारत भी अपने पड़ोसी देश में विद्यमान आतंकवादी ढांचे से चिंतित है। हमारे पड़ोस में आतंकवादी ढांचे की मौजूदगी और इसको राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल करना भारत के लिए चिंता की बात है।"
उन्होंने कहा, "हमारी जमीन, शहरों और हमारे लोगों पर आतंकवाद का खतरा निरंतर बना हुआ है। यह खतरा उसी तरह का है जैसा अमेरिकी जनता को भी है। इसे अमेरिका भी समझता है।"
राव ने कहा, "आतंकवाद से निपटने के लिए भारत का रुख संयमयुक्त है लेकिन हमारे संयम को कमजोरी या हमारे लोगों को नुकसान पहुंचाने, देश में अनिश्चितता पैदा करने और विकास में बाधा पहुंचाने के इच्छुक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनिच्छा नहीं समझा जाना चाहिए।"
राव ने चेतावनी देते हुए कहा, "हम एक मजबूत देश हैं और हमारे पास भारत और उसके लोगों के खिलाफ विध्वंसात्मक कार्यो को बढ़ावा देने वालों से प्रभावी तरीके से निपटने की क्षमता है।"
उन्होंने कहा कि घातक प्रकृति के खतरों का सामना करने के बावजूद भारत ने विश्वास और भरोसे को बहाल करने के लिए कई प्रयास किए हैं।
पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर के साथ हाल में हुई मुलाकात का हवाला देते हुए राव ने कहा, "हमने फिर पाकिस्तान के साथ बकाया मुद्दों, आतंकवाद के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे को वार्ता के माध्यम से हल करने का प्रयास किया।"
राव ने कहा, "वार्ता में प्रगति के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर हमारी चिंताओं पर सार्थक कदम उठाए और भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को उत्साहित करना बंद करें।"
पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य सहायता के बारे में राव ने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसका उपयोग अफगानिस्तान सीमा पर आंतकवादियों के खिलाफ ही हो।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।