सख्ती के बाद भी नेपाल में चीन विरोधी प्रदर्शन आयोजित
काठमांडू, 10 मार्च (आईएएनएस)। बौद्ध भिक्षुओं और भिक्षुणियों सहित सैकड़ों की संख्या में तिब्बतियों ने बुधवार को काठमांडू में, चीन के खिलाफ 1959 में विद्रोह करने वाले अपने पुरखों को याद किया और तिब्बत की आजादी के लिए नारे लगाए। तिब्बतियों ने यह विरोध प्रदर्शन प्रशासन की भारी सख्ती और गिरफ्तारियों के बावजूद आयोजित किया।
दर्जनों की संख्या में तिब्बती समुदाय के लोगों ने काठमांडू स्थित चीन सरकार के वाणिज्यदूत कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और गिरफ्तारियां दीं। प्रदर्शनकारी 'तिब्बत को आजाद करो' का नारा लगा रहे थे। तिब्बत के लिए वीजा यहीं से जारी किया जाता है।
बौद्धनाथ इलाके में विरोध प्रदर्शन ज्यादा प्रभावी था। यह प्राचीन बौद्ध मंदिर काठमांडू में तिब्बती प्रवासियों का मुख्य आधार है। यहां आयोजित विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में तिब्बतियों के साथ कुछ पश्चिमी देशों के नागरिक भी शामिल थे। प्रदर्शनकारी बौद्धनाथ के चारों ओर जमा हुए। वहां उन्होंने प्राचीन तिब्बत का झंडा फहराया और चीनी सेना द्वारा तिब्बती लोगों की हत्या पर रोक लगाने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने अपने धर्मगुरु दलाई लामा के पक्ष में 'दलाई लामा दीर्घायु हो' के नारे लगाए। उन्होंने 'जागो संयुक्त राष्ट्र' और 'तिब्बत की आजादी में ही नेपाल की सुरक्षा है' के नारे भी लगाए।
विरोध प्रदर्शन के पहले तिब्बती प्रवासियों ने एक बौद्ध मठ में 1959 के शहीदों तथा दो वर्ष पहले तिब्बत में विद्रोह की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गिरफ्तार और प्रताड़ित किए गए सैकड़ों लोगों की स्मृति में एक धार्मिक समारोह आयोजित किया।
नेपाल में दलाई लामा के अनौपचारिक प्रतिनिधि थिनले ज्ञात्सो ने धर्मशाला में जारी किए गए दलाई लामा के संदेश को पढ़ा।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर दो बार लाठीचार्ज किया और बौद्ध मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया ताकि वे मंदिर के बाहर प्रदर्शन न कर सकें।
बौद्धनाथ से चार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि मंगलवार की रात पुलिस ने उसी इलाके से दो और तिब्बतियों को गिरफ्तार किया था।
तिब्बत से लगी नेपाल सीमा पर भी सुरक्षा चुस्त कर दी गई है। चीनी अधिकारियों ने काठमांडू से ल्हासा की उड़ानें बंद कर दी हैं। उत्तरी नेपाल को तिब्बत से जोड़ने वाले पुल को भी बंद कर दिया गया है और पर्यटन संचालकों से कहा गया है कि वे 28 मार्च तक तिब्बत की सभी यात्राएं स्थगित कर दें।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।