पटना उच्च न्यायालय ने हड़ताली कर्मचारियों और सरकार का पक्ष सुना
उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश चन्द्रमौली कुमार प्रसाद तथा न्यायाधीश श्याम किशोर शर्मा की खंडपीठ सोमवार को भी दोनों पक्षों की बात सुनेगी।
राज्य में अराजपत्रित कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने तथा हड़ताल के कारण लोगों को हो रही परेशानी को लेकर गैर सरकरी संस्था 'जन चौकीदार' ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी।
राज्य सचिवालय सेवा संघ के अधिवक्ता बी़ क़े कंठ ने बताया कि न्यायालय के समक्ष बताया गया कि सरकार कर्मचारियों से बात नहीं कर रही है, जिस कारण हड़ताल लंबा खिंच रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी केवल पूर्व में हुए समझौते को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के महासचिव रामबली प्रसाद ने कहा कि 31 वें दिन भी हड़ताल पूर्णत: सफल रही। उन्होंने बताया कि सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है, जो किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय में है और न्यायालय पर कर्मचारी संगठनों को पूर्ण विश्वास है।
राज्य के अराजपत्रित कर्मचारी महासंघों और राज्य सचिवालय संघ तथा शिक्षकों के सात संगठनों वाला बिहार राज्य प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षाकर्मी संयुक्त मोर्चा के लगभग तीन लाख कर्मचारी छठे वेतनमान को केन्द्र सरकार की तर्ज पर लागू करने की मुख्य मांग को लेकर सात जनवरी से हड़ताल पर हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।