शिवजी को प्रसन्न करने हेतु तांडव नृत्य से आरती
इंदौर के परदेसीपुरा इलाके में है घनेश्वर शिव मंदिर। इस मंदिर में 12 ज्योतिर्लिगों के अलावा चारों धामों को दर्शाने वाले मंदिर भी बने हुए हैं। इस मंदिर में सोमवार की शाम को होने वाली आरती विशेष होती है। लगभग एक घंटे चलने वाली इस आरती को मंदिर के पुजारी विश्वजीत शर्मा तांडव नृत्य के साथ करते हैं।
पुजारी शर्मा एक पैर पर खड़े होकर तांडव नृत्य की विभिन्न मुद्राओं में एक हाथ में धूप का दीपक लिए होते हैं तो दूसरे हाथ में डमरू थामे रहते हैं। वे तांडव नृत्य करते हुए मंदिर में स्थित शिव पार्वती के अलावा सभी 12 ज्योतिर्लिगों और चारों धामों के मंदिरों की आरती करते हैं। सबसे पहले नृत्य करते हुए धूप की आरती की जाती है, फिर मोम के बने दिए से और फिर बारी आती है डमरू के साथ आरती की।
पुजारी शर्मा बताते हैं कि वे पिछले छह सालों से तांडव नृत्य के साथ आरती करते आ रहे हैं। शुरुआत में उन्हें कुछ दिक्कतें जरूर आई मगर अभ्यास के बाद अब उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती। वे कहते हैं कि भक्त ईश्वर की आराधना अपने सामथ्र्य और विधि से करता है। उन्हें तांडव नृत्य के साथ आरती करना अच्छा लगता है इसलिए वे ऐसा करते हैं।
वहीं इस मंदिर में दर्शन करने आए भक्त राजेश कुमार का कहना है कि वे कई मंदिरों में जा चुके हैं और वहां के अनुष्ठानों में भी उन्होंने हिस्सा लिया है, मगर इस मंदिर में आकर उन्हें आरती करने के अनोखे अंदाज को देखने का अवसर मिला है। तांडव नृत्य के साथ आरती देखकर वे अपने आप में एक नई ऊर्जा का संचार पाते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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