बिहार के निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति अवैध (लीड-1)
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश चंद्रमौलि कुमार प्रसाद तथा रवि रंजन प्रसाद की दो सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में दत्ता की नियुक्ति को गलत ठहराते हुए उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
ज्ञात हो कि दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले की अंतिम सुनवाई 22 दिसंबर 2008 को की थी तथा अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त दत्ता की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा 6 जून 2006 को की गई थी। दत्ता की नियुक्ति की प्रक्रिया को गलत बताते हुए समाजिक संस्था 'सर्वर ऑफ सोसाइटी' के सचिव सुनील कुमार तिवारी ने पिछले दिनों पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी।
सुनील कुमार तिवारी के अधिवक्ता आशुतोष रंजन ने बताया कि दत्ता की नियुक्ति राज्य सरकार ने सीधे कर दी थी जबकि उनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में बिहार राज्य पंचायती राज एक्ट की धारा 123 का उल्लंघन किया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।