आगरा में हो रहे हैं अब एक साथ दो ताजों के दीदार!
यह बात अलग है कि दूसरा ताज मुमताज के लिए नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर हो रहे एक राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों के लिए बनाया गया है।
ताज की यह अनुकृति बांस, सफेद कागज, प्लाईवुड, थर्मोकोल और प्लास्टर ऑफ पेरिस की मदद से महज 40 दिनों के अंदर बनाई गई है। इसका निर्माण आठ जनवरी से शुरू हो रहे सम्मेलन के प्रतिनिधियों को एक अनूठा आयोजन स्थल उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।
स्थानीय हरिओम टेंट हाउस के मालिक सतीश अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, "ताज से अधिक आश्चर्यजनक क्या होगा? पूरी दुनिया से इस सम्मेलन में भाग लेने आ रहे प्रतिनिधियों को ताज की छाया में बातचीत करने का मौका मिलेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि सम्मेलन के आयोजक चाहते थे कि प्रतिनिधियों को एक अनूठा और विशिष्ट आयोजन स्थल मिले।
अग्रवाल ने बताया कि ताज की इस 100 फीट ऊंची और 6,000 वर्ग फीट से भी अधिक स्थान में बनी इस अनुकृति को 70 श्रमिकों और कलाकारों ने मिलकर बनाया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।