गुजरात के नमक मजदूर सत्याग्रह की राह पर
वी़ एन बालाकृष्ण
खाराघोडा (गुजरात), 30 दिसंबर(आईएएनएस)। कच्छ के रन के पास स्थित खाराघोडा गांव के करीब 400 नमक मजूदरों ने अपने अधिकारों की रक्षा और इलाके में पाए जाने वाले जंगली गधों के संरक्षण की मांग के समर्थन में आंदोलन तेज कर दिया है। वे सत्याग्रह की राह पर चलते हुए अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं।
इन नमक मजदूरों को स्थानीय तौर पर अगरिया कहा जाता है। अपनी मांग के समर्थन में वे 16 दिसंबर से ही आंदोलन कर रहे हैं। सरकारी कंपनी हिंदुस्तान साल्टवर्क्स लिमिटेड(एचएसएल) ने चेन्नई स्थित ब्राह्मणी माथा नमक उद्योग प्राइवेट लिमिटेड(बीएमएनयूपीएल) को 3,100 एकड़ जमीन पट्टे पर देकर इन मजदूरों की नाराजगी बढ़ा दी।
जमीन को पट्टे पर दिए जाने के एक सप्ताह बाद ही एचएसएल का उत्पादन ठप कर दिया गया। कंपनी के जयपुर स्थित कार्यालय से अधिकारियों की एक टीम हड़ताली मजदूरों से बातचीत करने आई, पर अभी तक समाधान नहीं निकला है।
मजदूर न्यूनतम दैनिक मजूदरी को 200 रुपए किए जाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही वे चार साल की बकाया राशि भी मांग रहे हैं। घाटे में चल रही इस कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक(लेखा) पी़ सी. कामथ ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा, "हमारे पास 23 हजार एकड़ जमीन है। नकदी की किल्लत होने के कारण अगर हमने कुछ हजार एकड़ जमीन पट्टे पर दे दी है तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।"
मजदूर इस इलाके में पाए जाने वाले विलुप्तप्राय गधों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाने की भी मांग कर हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।