2005 में दिल्ली में हुए धमाकों की सुनवाई लंबित, 5 आरोपी फरार
नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। राजधानी में शनिवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद पुलिस आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में जुटी हुई है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां वर्ष 2005 में हुए धमाकों के पांच आरोपी आज भी फरार है और इस मामले में गिरफ्तार पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ सुनवाई लंबित है।
नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। राजधानी में शनिवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद पुलिस आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में जुटी हुई है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां वर्ष 2005 में हुए धमाकों के पांच आरोपी आज भी फरार है और इस मामले में गिरफ्तार पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ सुनवाई लंबित है।
राजधानी के सरोजनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी इलाके में 29 अक्टूबर 2005 को हुए कई धमाकों में कम से कम 60 लोग मारे गए थे जबकि 100 से अधिक घायल हुए थे। इस धमाके के लिए आतंकवादी संगठन अलकायदा से संबंध रखने वाले 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
इनमें से पांच अबू अल कामा, अबू अफजल, शाजिद अली, जेहाद और राशिद अब भी फरार हैं। पुलिस ने जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनकी सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बाबूलाल की अदालत में लंबित है। अदालत में इस साल अगस्त में इन आरोपियों के बयान दर्ज करने की कार्रवाई शुरू हुई थी।
अदालत में अभी तारिक अहमद डार की सुनवाई चल रही है जिसे हमले का मुख्य षड़यंत्र कर्ता माना जाता है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है लेकिन अदालत को अंतिम फैसला सुनाने में कम से कम तीन साल और लगेंगे।
वर्ष 2005 विस्फोट में अपने भाई, ननद और भतीजी को खो चुकी इंदू ने आईएनएस, "हमारी न्यायिक व्यवस्था काफी थकाने वाली है। यहां किसी भी मामले में फैसले तक पहुंचने में वर्षो लग जाते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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