प्रचंड का दौरा भारत-नेपाल संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करेगा: नेपाली राजदूत
नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहाल 'प्रचंड' का रविवार से आरंभ हो रहा भारत दौरा 21वीं सदी में दोनों देशों के संबंधों के निर्माण को एक विस्तृत राजनीतिक दिशा प्रदान करने के साथ ही नेपाल के चीन की ओर झुकाव की अटकलों पर विराम लगा देगा।
नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहाल 'प्रचंड' का रविवार से आरंभ हो रहा भारत दौरा 21वीं सदी में दोनों देशों के संबंधों के निर्माण को एक विस्तृत राजनीतिक दिशा प्रदान करने के साथ ही नेपाल के चीन की ओर झुकाव की अटकलों पर विराम लगा देगा।
प्रचंड की भारत यात्रा से एक दिन पहले भारत में नेपाल के राजदूत दुर्गेश मान सिंह ने आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा,"यह मुख्यत: राजनीतिक यात्रा है। आने वाले दिनों में यह भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत बनाने के लिए विस्तृत राजनीतिक दिशा प्रदान करेगी।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को प्रचंड से मुलाकात करेंगे। नेपाली राजदूत ने कहा, "दोनों नेता व्यापार, परिवहन, जल संसाधन और आधारभूत संरचना सहित सभी मुद्दों पर बात करेंगे।"
उन्होंने किसी नए समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना से इनकार कर दिया।
बहरहाल नेपाली राजदूत तब सतर्क हो गए जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रचंड 1950 की शांति और मैत्री संधि की समीक्षा पर जोर देंगे? नेपाल इस संधि को गैर बराबरी का दस्तावेज मानता है, जो संबंधों की बदलती प्रकृति की सही तस्वीर नहीं पेश करता है।
उन्होंने कहा कि अन्य मुद्दों की तरह दोनों नेता इस पर भी चर्चा करेंगे जो वास्तविक जमीनी स्थिति पर आधारित होगी।
सिंह ने कहा कि प्रचंड की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों को 21वीं सदी का रंग प्रदान करना है। इसका मुख्य केंद्र द्विपक्षीय तंत्र को चालू करना है, जो सही तरीके से काम नहीं कर रहा है।
दोनों देशों के कोसी नदी में आई बाढ़ के कारणों और 1954 में हुए कोसी नदी समझौते को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसकी समीक्षा करने की भी संभावना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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