कैंसर की चिकित्सा की नई विधि : सीधे ट्यूमर में लगेगा इंजेक्शन
वाशिंगटन, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। कैंसर की चिकित्सा में कीमोथेरेपी के दौरान अगर एक छोटे अल्ट्रासाउंड यंत्र से लैस इंडोस्कोप (एक चिकित्सकीय यंत्र) का इस्तेमाल प्रभावित ट्यूमर (गांठ) में दवा का इंजेक्शन लगाने के लिए किया जाए तो यह पारंपरिक तरीकों से बेहतर साबित हो सकता है।
कैंसरग्रस्त ट्यूमरों के लिए अभी जो चिकित्सा पद्धति अपनाई जाती है उसमें सामान्य ऊतकों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बरकरार रहता है। नई विधि में सटीक परिणाम पाने के लिए इंडोस्कोपी और अल्ट्रासाउंड (ईयूएस) की मिश्रित तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
इस नई तकनीक के सहारे चिकित्सक एक ओर तो आंतों का ऑपरेशन कर सकेंगे वहीं दूसरी ओर वे ठीक उसी समय आंतों के बाहर स्थित ट्यूमरों का इलाज भी कर सकेंगे।
सैन फ्रांसिस्को में आयोजित इंडोस्कोपिक अल्ट्रासोनोग्राफी मीटिंग के सह अध्यक्ष और दक्षिणी कैरोलिना के चिकित्सकीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राबर्ट हाव्स ने कहा, "कर्विलिनियर इंडोसोनोग्राफी शीघ्र ही ईयूएस की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति बन जाएगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।