डुमरियांगज नकली नोट प्रकरण में थाना प्रभारी भी फंसे
लखनऊ, 22 अगस्त(आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश के सिद्दार्थनगर जिले के डुमरियागंज नकली नोट मामले में अब पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। डुमरियागंज के थाना प्रभारी बैंक कैशियर के आवास पर छापे के दौरान लाखों रुपये गायब कर अपने खाते में जमा करने के आरोप में फंस गए हैं।
बस्ती के पुलिस उपमहानिरीक्षक के.के. त्रिपाठी ने शुक्रवार को बताया कि डुमरियागंज के थाना प्रभारी शमशेर सिंह को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गई है।
गौरतलब है कि स्थानीय समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक माता प्रसाद पांडे ने डुमरियागंज के थाना प्रभारी पर बैंक कैशियर सुधाकर त्रिपाठी के घर से छापे के दौरान रुपये गायब करने का आरोप लगाया था।
इसके बाद डुमरियागंज के थाना प्रभारी के बैंक खातों की जांच की गई। जांच में पाया गया कि शमशेर सिंह ने जिले की इटवा स्टेट बैंक शाखा में एक अगस्त को रुपये जमा किए थे।
विशेष कार्रवाई दस्ते (एसटीएफ) ने 29 जुलाई को आबिद शेख को डुमरियागंज से पांच लाख के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसटीएफ के निर्देश पर शमशेर सिंह ने बैंक कैशियर को गिरफ्तार किया। उसी दिन शाम को उसके घर पर छापे की कार्रवाई कर सात लाख 31 हजार रुपये बरामद होने की बात कही गई थी।
सूत्रों के मुताबिक थाना-प्रभारी को बैंक कैशियर सुधाकर त्रिपाठी के आवास पर छापेमारी के दौरान हजार, पांच सौ, सौ, पचास, बीस और दस के नोटों की गड्डियां मिली थीं। लेकिन थाना प्रभारी ने केवल पांच सौ और हजार के नोटों की ही बरामदगी दिखाई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।