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'वोट के बदले नोट' मामले में संप्रग ने जारी की नई सीडी (राउंडअप)

By Staff
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नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान पिछले माह कथित तौर पर हुए 'वोट के बदले नोट' प्रकरण में सोमवार को उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की ओर से नई सीडी जारी की गई।

इस सीडी के जरिए संप्रग ने दावा किया कि पिछले 22 जुलाई को विश्वास मत के दौरान लोकसभा में नोटों की गड्डियां लहराने का मामला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की साजिश थी।

नई सीडी का खुलासा करने के लिए मौजूदा भारतीय राजनीति के तीन प्रमुख समाजवादी नेताओं को लगभग 10 वर्षो के बाद एक मंच पर आना पड़ा। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सुप्रीमो रामविलास पासवान ने सीडी जारी करते हुए कहा कि भाजपा ने सपा के एक पूर्व नेता जिन्होंने अब बसपा का दामन थाम लिया है, के साथ वोट के बदले नोट मामले को प्रायोजित किया।

भाजपा पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा, "भाजपा नेताओं द्वारा किए गए दावे गलत साबित हुए हैं। यह पूरा प्रकरण भाजपा और बसपा प्रायोजित था। "

उन्होंने कहा कि विश्वास मत के दौरान अपनी हार सुनिश्चित देख भाजपा ने नोटों की गड्डियां लहराने का नाटक रचा। उन्होंने भाजपा महासचिव अरुण जेटली को इस कथित नाटक का सूत्रधार बताया।

उन्होंने कहा कि जेटली जैसे जाने-माने नेता की भूमिका देखकर हमें बहुत आश्चर्य हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में यदि अमर सिंह दोषी पाए गए तो उन पर पार्टी की ओर से कार्रवाई की जाएगी। अमर सिंह ने कहा कि यदि उन पर लगाए गए आरोप साबित हो जाते हैं तो पार्टी छोड़ देंगे।

लालू यादव ने इस मौके पर भाजपा के तीनों सांसदों अशोल अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा का नार्को टेस्ट करवाने की मांग की। ज्ञात हो कि इन तीनों सांसदों ने लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान ही नोटों की गड्डियां लहरा कर भारतीय राजनीति में सनसनी फैला दी थी।

उन्होंने कहा कि सीडी की सच्चाई सामने आते ही भाजपा की पोल खुल जाएगी।

इन सांसदों ने आरोप लगाया था कि सपा महासचिव अमर सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने उन्हें मतदान में शामिल नहीं होने के लिए तीन-तीन करोड़ रुपये देने की बात कही थी और इसकी पेशगी के रूप में एक करोड़ रुपये दिए थे।

अमर सिंह ने कहा कि संजीव सक्सेना नामक जिस व्यक्ति का जिक्र आ रहा है वह सपा छोड़क र बसपा में गए शाहिद सिद्दीकी के कर्मचारी हैं। इस साजिश में सिद्दीकी भी शामिल हैं।

संप्रग द्वारा जारी की गई सीडी में आज पहली बार संजीव सक्सेना नामक शख्स को दिखाया गया है। सपा के दावे के मुताबिक सक्सेना का भाजपा महासचिव अरुण जेटली से संबंध है और वही उनके घर से पैसे लेकर जाते हुए सीडी में दिखाया गया है।

टेलीविजन चैनल सीएनएन-आईबीएन ने इस प्रकरण का स्टिंग ऑपरेशन किया था। चैनल ने स्टिंग की सीडी भी लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी थी जिसकी जांच किशोरचंद देव की अध्यक्षता में गठित लोकसभा की सात सदस्यीय जांच समिति कर रही है। सोमवार को इस समिति की बैठक हुई जिसमें सीडी को देखा गया।

चैनल ने बाद में इस टेप को यह कहते हुए प्रसारित करने से इनकार कर दिया था कि टेप में संबंधित जानकारी पूरी उपलब्ध नहीं है।

इससे पहले मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की ओर से जारी एक सीडी में भी इस पूरे प्रकरण को भाजपा द्वारा प्रायोजित करार दिया गया था।

संप्रग नेताओं के खुलासे के बाद भाजपा महासचिव अरुण जेटली ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक विशेष संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "संप्रग के नेताओं ने आज जो सीडी जारी की है वह पूरी तरह काल्पनिक है। उसे देखकर ऐसा लगता है मानों मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा पिछले दिनों जारी की गई सीडी सपा महासचिव अमर सिंह की डाक्युमेंट्री बन गई है।"

उन्होंने कहा, "विश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा के तीन सांसदों को पैसे देने के संबंध में भाजपा ने पूर्व में जिन तथ्यों को पेश किया है, उन तथ्यों का न तो खंडन किया गया है और न ही किया जा सकता है।"

जेटली ने कहा, "झूठ और फरेब के साथ मंत्रिपरिषद के एक अंश का जुट जाना बेहद दुर्भाग्यजनक है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अब यह सोचना चाहिए कि वे अपने मंत्रियों को झूठ और फरेब के साथ किस सीमा तक जाने की छूट दे सकते हैं।"

इससे पहले जेटली ने दावा कि सीडी में जिस संजीव सक्सेना का बार-बार जिक्र है और जिसके बारे में कहा जा रहा है कि नोटों से भरा बैग वही व्यक्ति मेरे घर से लेकर गया था, उसकी सच्चाई ये है कि वह अमर सिंह का कर्मचारी था।

जेटली ने संजीव सक्सेना के बेटे द्वारा भरे गए उस एडमिशन फार्म की प्रतियां बांटी जिसमें उसने अमर सिंह के सरकारी निवास का पता दिया था।

जेटली ने कहा कि इससे पहले उन्होंने संजीव सक्सेना व अमर सिंह के संबंधों के बारे में इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य दिए थे लेकिन एडमिशन फार्म तो पूरी तरह लिखित साक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वे इस बारे में और भी साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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