टाटा समूह का निर्णय बांग्लादेश के लिए खतरे की घंटी
ढाका, 4 अगस्त (आईएएनएस)। कुल तीन अरब डालर के प्रस्तावित निवेश से निजी क्षेत्र की अग्रणी भारतीय कंपनी टाटा समूह के हट जाने को बांग्लादेश के लिए खतरे की घंटी के तौर पर देखा जाना चाहिए।
बांग्लादेश के दैनिक समाचार पत्र 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' के अनुसार टाटा समूह के इस कदम से यहां निवेशकों के विश्वास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
समाचार पत्र के मुताबिक टाटा समूह के इस कदम के मद्देनजर बांग्लादेश को अपनी ऊर्जा सुरक्षा योजनाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए।
समाचार पत्र ने कहा है कि पिछले चार वर्ष से बांग्लादेश सरकार की बाधाओं के बावजूद टाटा समूह की निवेश के प्रति उत्साह व धर्य वाकई प्रशंसनीय है।
समाचार पत्र में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि टाटा समूह को आखिरकार देश में गैस की अनुपलब्धता के मद्देनजर निवेश योजनाओं को वापस लेना पड़ा।
समाचार पत्र ने बांग्लादेश सरकार के इस रुख का भी समर्थन किया है जिसमें उसने टाटा समूह को गैस उपलब्ध कराने मे अपनी असमर्थता जाहिर की थी। अमेरिका प्रायोजित भू-गर्भीय सर्वेक्षण तथा यहां गैस उत्खनन में जुटी अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के परिणामों में अलग रुख अपनाते हुए अखबार ने लिखा है कि बांग्लादेश सरकार व टाटा समूह दोनों ने आज से चार वर्ष पहले समझौते को लेकर जमीनी स्तर पर पर्याप्त तैयारियां नहीं कीं ।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।