संप्रग सरकार ने 19 मतों से विश्वास मत जीता (लीड-2)
नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)। भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के मुद्दे पर वामदलों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लोकसभा में पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान में केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से 19 मतों से जीत दर्ज की है।
पूरे दो दिनों तक चली मैराथन बहस के बाद तनाव भरे माहौल में हुए मतदान के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने घोषणा की, "विश्वास प्रस्ताव पर सरकार के पक्ष में 275 मत पड़े जबकि विपक्ष के पाले में 256 मत पड़े।"
दस सांसदों ने विश्वास मत का बहिष्कार किया जबकि सात ने क्रास वोटिंग की और पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया।
इलेक्ट्रोनिक मशीन से हुए मतदान के परिणाम में सरकार के पक्ष में 253 और विपक्ष में 232 मतदान पड़े। कुल 54 सांसदों ने पेपर स्लिप के माध्यम से मतदान किया। इनमें से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत चार सांसदों ने संसद की लॉबी में मतदान किया। इसके कारण वोटों की गिनती में लगभग 45 मिनट की देरी हुई।
इलेक्ट्रानिक मशीन के वोटों का परिणाम जब स्क्रीन पर आया तो सत्ता पक्ष के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। सत्ताधारी सांसदों व मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बधाई देना शुरू कर दिया।
इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में उस समय सनसनी फैल गई जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा ने बैग से हजार-हजार रुपये के नोट लहरा कर आरोप लगाया कि उन्हें एक-एक करोड़ रुपये की रकम विश्वास प्रस्ताव पर मतदान में शामिल न होने के लिए अग्रिम राशि के रूप में दी गई है।
सदन में जिस समय यह वाकया हुआ, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वासुदेब आचार्य उस वक्त बहस में भाग ले रहे थे और सदन की कार्यवाही का संचालन लोकसभा के उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल कर रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने आरोप लगाया है कि विश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में मंगलवार को होने वाले मतदान का बहिष्कार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव अमर सिंह ने उन्हें और दो अन्य सांसदों को घूस देने का प्रयास किया।
कुलस्ते ने कहा, "मुझे, अशोक अर्गल और महावीर भगोरा को सोमवार की रात घूस देने का प्रयास किया गया। अहमद पटेल हमारे घर आए और हमसे मतदान का बहिष्कार करने को कहा। उन्होंने कहा कि मतदान का बहिष्कार करने के लिए उन्हें एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे और मतदान के बाद आठ करोड़ रुपये और दिए जाएंगे। आज सुबह अमर सिंह से भी हमारी फोन पर बात हुई।"
उन्होंने कहा, "4 फिरोजशाह रोड पर हमें एक व्यक्ति ने एक करोड़ रुपये दिए। उसने कहा कि अमर सिंह ने ये रुपये भिजवाए हैं। उस आदमी ने फिर अमर सिंह से हमारी बात भी कराई। सिंह ने हमसे पूछा कि आपको पैसे मिल गए? बाकी पैसे बाद में मिल जाएंगे।"
अमर सिंह ने इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "दिन भर कई लोग मेरे यहां आते रहते हैं। दिन भर लोगों का तांता लगा रहता है। कोई सबूत है क्या।"
उन्होंने कहा, "मैं इतना कच्चा खिलाड़ी नहीं हूं कि अपने पत्ते ऐसे खुले रूप में चलूं।"
उल्लेखनीय है कि भाजपा के तीन सांसदों अशोक अर्गल, फग्गनसिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा ने अहमद पटेल और समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव अमर सिंह पर आरोप लगाया है कि विश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान का बहिष्कार करने के लिए उन्हें इन दोनों नेताओं ने एक करोड़ रुपये घूस देने का प्रयास किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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