शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षाविद तय करें : अर्जुन सिंह
भोपाल, 30 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह का मानना है कि शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षाविदों द्वारा तय की जानी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होगा तो दूरस्थ स्थानों में रहने वालों के लिए किए जाने वाले कार्य व्यर्थ रह जाएंगे।
श्री सिंह ने अपनी यह राय भारतीय वन प्रबन्धन संस्थान (आईआईएफ एम) के स्नातक छात्रों के दीक्षान्त समारोह में जाहिर की।
श्री सिंह ने सलाह दी कि देश के अग्रणी शिक्षण संस्थान इस तरह का पाठ्यक्रम तैयार करें जो छात्रों में नवीन योग्यता पैदा करने वाला हो। उन्होंने आईआईएफ एम द्वारा विकसित पाठ्यक्रमों की सराहना की।
श्री सिंह ने छात्रों से कहा कि वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझने के साथ ऐसे लोगों को भी अवसर उपलब्ध कराएं जो उच्च शिक्षा एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पाने से वंचित रह जाते हैं। वे मानते हैं कि छात्र समाज का अभिन्न अंग है तथा उसके साथ मिलकर ही हम अपने राष्ट्र को नई ऊचाइयां प्रदान कर सकते हैं।
संस्थान के नियंत्रक मंडल के उपाध्यक्ष एवं वन महानिदेशक पी़ आऱ मोहंती ने कहा कि आईआईएफ एम एशिया का अपनी तरह का संस्थान है जो वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है। आगामी वर्ष में यह संस्थान पी़ एच़ डी़ के समतुल्य चार फैलोशिप कार्यक्रम शुरू करने जा रहा हैं।
इस मौके पर मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने वानिकी प्रबंधन पाठ्यक्रम के छात्र क्षितिज सनाढ्य को स्वर्ण तथा कनिका चंदेल को रजत पदक और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में दिव्य निनाद कौल को स्वर्ण तथा मोहम्मद यूनिस को रजत पदक प्रदान किया। श्री मोहन्ती ने वानिकी प्रबंधन के 36 और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के 17 छात्रों को डिप्लोमा प्रदान किए।
संस्थान के निदेशक प्रो़ डी़ क़े बन्दोपाध्याय ने संस्थान की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया और भरोसा दिलाया कि यह संस्थान अपने शैक्षणिक व सामाजिक दायित्वों का ठीक तरह से निर्वहन करेगा। संस्थान की उपलब्धियों का लेखा जोखा प्रस्तुत करती एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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