लोक अदालत में आपसी सहमति वाले मामलों का ही निपटारा
उच्चतम न्यायालय नयी दिल्ली30जनवरी.वार्ता.उच्चतम न्यायालय ने महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है कि लोक अदालतों में केवल उन्हीं मामलों का निपटारा किया जायेगा जिनमें सभी संबंधित पक्षों के बीच आपसी सहमति होगी और लोक अदालतों में वरीयता के आधार पर मामलों का निपटारा नहीं किया जा सकता1 न्यायालय ने यह भी कहा कि जिन मामलों में आपसी सहमति के आधार पर फैसले दिये जायेंगे उन्हें उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती
मुख्य न्यायाधीश के.जी बालाकृष्णन ्न्यायमूर्ति जी.पी माथुर एवं न्यायमूर्ति आर.वी.रवीन्द्रन की पीठ ने यह व्यवस्था देते हुये कहा है कि लोक अदालतों द्वारा दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर दिये गये फैसलों को संविधान के अनुच्छेद 227के तहत उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती1न्यायालय ने पंजाब सरकार की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें राज्य सरकार ने सडक दुर्घटना में मारी गयी अमृत कौर के परिजनों को लोक न्यायधिकरण के फैसले के बाद अदालत द्वारा तय की गयी अतिरिक्त मुआवजे की राशि दिये जाने के फैसले को चुनौती दी थी1लोक अदालत ने व्यवस्था दी थी कि राज्य सरकार पीडित परिवार को न्यायाधिकरण के फैसले के फैसले के बाद मुआवजे की राशि एक लाख 44हजार रुपये के अलावा अतिरिक्त 62 .200 रुपये दे1लोक अदालत ने यह फैसला एक तरफा दिया था1हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की इस अपील को खारिज कर दिया था
शिव . आशा प्रेम .121
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