राजनीति. भाजपा सैंसेक्स दो अंतिम नयी दिल्ली..
क्स दो अंतिम नयी दिल्ली.. श्री जावडेकर ने कहा कि संप्रग के शासन काल के तहत यह तीसरा मौका है. जब सरकार व नियामकों के गैर..जिम्मेदाराना रवैए के कारण मार्केट को बंद करना पडा1 पिछले कुछ दिनों में भारी उतार..चढाव देखने को मिला. जो किसी ताकिक आधार पर आधारित नहीं था1 बाजार में आई भारी तेजी ने साधारण निवेशकों को न.न केवल भ्रमित किया. बल्कि इससे छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचाया. जिसके फलस्वरुप उनका आत्मविश्वास हिल गया1 उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता है कि पूंजी बाजार सही हालत में हो और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लाखों निवेशकों के हितों कि रक्षा करे
उन्होंने कहा कि पार्टी सिपेटरी नोट रुट की जांच पहले ही कर लेनी चाहिए थी. क्योंकि काफी दिनों से ही अग्यात स्रोतों से पूंजी बाजार में धन लगाया जा रहा था1 कुछ विदेशी संस्थागत निवेश लगभग 353484 करोड रुपये. का है जिसमें 51 प्रतिशत पार्टिसिपेस्टी नोट के रास्ते से लगाया गया जो एक खतरनाक आंकडा है1 उन्होंने कहा कि वास्तव में 2004 में ही पूर्व राजग सरकार ने पार्टिसिपेटरी नोट्स को बाहर करने के लिए स्पष्ट रुपरेखा तैयार की थी1 यहां तक कि लाहरी कमेटी ने भी एक साल पहले इसी तरह की कार्यवाही के लिए कहा था1 लेकिन संप्रग सरकार ने समय रहते कोई कार्यवाही नहीं की1 हाट मनी/अतिशीघ्र चलायमान मुद्रा पार्टिसिपेटरी नोट के रास्ते आती है और इस हाट मनी में स्वीश मनी. ड्रग मनी और आतंकी फंड भी शमिल हैं1 श्री जावडेकर ने कहा कि भाजपा पहले ही मांग कर चुकी है कि इस तरह के कोष पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाय या पूरी तरह से इसे नियंति्रत किया जाय1 उन्होंने कहा कि छोटे निवेशक को शेयर बाजार में आने के पहले अपनी आय के स्रोत के बारे में सारी जानकारी देनी पडती है. लेकिन पार्टिसिपेटरी नोट के रास्ते हजारों करोड रुपये लाने के लिए स्रोत के बारे में कोई जानकारी देनी नहीं पडती
निगम उपाध्याय प्रमोद सुभाष सत्या रामलाल1734.वार्ता.