नकली दवाओं पर रोक के लिए आयोग के गठन की मांग
नयी दिल्ली 17 अक्टूबर.वार्ता.भारत में नकली दवाओं का कारोबार लगातार फ्ैलता जा रहा है और इस मामले में भारत की छवि सुधरती नहीं नजर आ रही है1विडंबना यह है कि भारत में अमरीकी खाद्य एवं दवा प्रशासन ..एफ्डीए..से मंजूरी प्राप्त सबसे ज्यादा संयंत्रों की मौजूदगी के बावजूद वहां के प्रशासन ने घरेलू दवा निर्यात को निगरानी सूची 301 में रखा है
उधर यूरोपीय संघ ने भी भारत सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि भारत से निर्यातित होने वाली अधिकांश दवाएं नकली होती है1नकली दवाओं के कारोबार को रोकने और भारत की छवि को सुधारने की कवायद के तहत उद्योग व्यापार संगठन एसोचैम ने नकली दवाओं पर रोक के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन करने की मांग की है ताकि असंगठित क्षेत्र की कंपनियों के दवा उत्पादन पर रोक सुनिश्चित किया जा सके
प्रधानमंत्री कार्यालय को सौपें गए एक ज्ञापन में एसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल एन धूत ने भारत में भारतीय दवा उत्पादों के निर्यात पर निगरानी रखे जाने का हवाला देते हुए कहा कि अधिकांश घरेलू दवा निर्यातों के नकली होने के बारें में विदेशी बाजारों में बनी भ्रामक अवधारणा की वजह से ऐसी स्थिति बनी है इसलिए देश नकली दवाओं के निर्यात की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए आयोग का गठन किया जाना जरूरी है
पुनीत.कैलाश.प्रभु 1542जारी वार्ता