International Men's Day: जानिए अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास और क्या है इस साल की थीम
International Men's Day: जानिए अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास और क्या है इस साल की थीम
नई दिल्ली, 19 नवंबर: अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस ( इंटरनेशनल मेन्स डे) हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। इंटरनेशनल मेन्स डे दुनिया भर में पुरुषों और समाज, समुदाय और उनके संबंधित परिवारों में उनके योगदान का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। हालांकि बहुत से लोगों को हैरानी होती है कि पुरुषों के लिए एक खास दिन को मनाने की आवश्यकता क्यों होती है, जब किसी भी दिन इसे मनाया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुषों के सम्मान और उनके घरों में सकारात्मक योगदान के लिए मनाया जाता है। यह दिन सकारात्मक रोल मॉडल को भी बढ़ावा देता है और पुरुषों के कल्याण के बारे में जागरूकता फैलाता है। दुनियाभर के कई लोगों का मानना है कि पुरुषों को भी लगभग उतने ही सम्मान और समर्थन की आवश्यकता होती है जितना किसी अन्य को। इसलिए ये दिन आज के वक्त में काफी अहम है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2021 की थीम क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के छह स्तंभ हैं, जो सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल बनाने पर केंद्रित है। यह समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण में पुरुषों के योगदान का जश्न मनाने पर भी केंद्रित है। ये दिन लिंग संबंधों में सुधार लाने और पुरुषों और महिलाओं के लिए समान रूप से लैंगिक समानता को बढ़ावा देने पर भी जोर देता है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का मकसद एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाने का भी है, जहां हर प्राणी अपनी पूरी क्षमता से विकसित हो सके। हर साल इसको मनाने के लिए के थीम (विषय) का चुनाव किया जाता है। साल 2021 की थीम है- "पुरुषों और महिलाओं के बीच बेहतर संबंध"
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का क्या है इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 1999 में मनाया गया था। त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलकसिंह ने पिता की जयंती मनाने के लिए 1999 में आईएमडी की स्थापना की और अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया था। उन्होंने आगे सभी को इस दिन का उपयोग पुरुषों और लड़कों से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए करने के लिए प्रोत्साहित किया था। जेरोम तिलकसिं के पिता का जन्म 19 नवंबर को हुआ था, इसलिए उन्होंने इस दिन का चुनाव किया था। उन्होंने लोगों को इस दिन का उपयोग लड़कों और पुरुषों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को व्यक्त करने के लिए करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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आईएमडी को अपने शुरुआती वर्षों में कैरिबियन में बड़े पैमाने पर समर्थन मिला था। इसके अलावा प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलकसिंह को अन्य देशों से कई धन्यवाद पत्र भी भेजे गए थे। देखते ही देखते कुछ सालों में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस ने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में पैर जमा लिए।