VIDEO:बच्चे ने स्मार्ट वॉच की मदद से FASTag से चुराए पैसे? सामने आया ठगी का चौंकाने वाला तरीका, जानें सच
नई दिल्ली, 25 जून: आए दिन ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आते रहते हैं। शातिर साइबर फ्रॉड रोज लोगों को निशाना बनाकर लाखों रुपए ऐंठ लेते हैं। अब लोगों के साथ ठगी का एक नया तरीका सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि, कार के उपर लगने वाले फास्ट टैग से लोगों के पैसे काटे जा रहे हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि, फास्टैग से पैसे चुराने का स्कैम चला रहा है।
कार की सफाई के बहाने फास्टैग से पैसे चुराने का वीडियो
वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया जा रहा है कि एक कार से दो युवक जा रहे होते हैं। तभी रास्ते में एक छोटा लड़का आता है और कार का शीशा साफ करने लगता है। आधा शीशा साफ करने के बाद ही लड़का बिना पैसे मांगे वहां से जाने लगता है। इसके बाद वह बच्चा भाग जाता है। वायरल वीडियो में ये देखकर कार सवार एक युवक उसका पीछा करता है, लेकिन वो पकड़ में नहीं आता है। वीडियो बनाने वाले शख्स का दावा है कि इस तरह से फास्टैग से पैसे चुराने का स्कैम चला हुआ है।
वीडियो में किया जा रहा है ये दावा
वीडियो में दावा किया गया कि घड़ी के स्कैनर से वो पेटीएम फास्ट टैग अकाउंट में जमा राशि को निकाल लेता है। इसके बाद सोशल मीडिया पर फास्ट टैग स्कैम ट्रेंड करने लगता है। जिसके बाद इस मामले में फास्ट टैग औऱ पेटीएम की ओर बयान सामने आए हैं। फास्ट टैग ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक यूजर को रिप्लाई देते हुए लिखा-एनईटीसी फास्टैग ट्रांजेक्शन सिर्फ रजिस्टर्ड मर्चेंट के जरिए ही हो सकती हैं। ये मर्चेंट टोल प्लाजा और पार्किंग प्लाजा ऑपरेटर होते हैं। इन्हें एनपीसीआई पर उनकी जियो लोकेशन के हिसाब से रजिस्टर किया जाता है। कोई भी अनऑथराइज डिवाइस एनईटीसी फास्टैग ट्रांजेक्शन नहीं कर सकता है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। यानी फास्टैग की तरफ से भी वीडियो को फर्जी बताया गया है।
पेटीएम ने जारी किया स्पष्टीकरण
इसके बाद पेटीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट इस इस मामले में ट्वीट कर कहा कि, वीडियो पेटीएम फास्ट टैग के बारे में गलत सूचना फैला रहा है, जो गलत तरीके से स्मार्टवॉच के जरिए फास्ट टैग के स्कैन करते हुए दिखा रहा है। एनईटीसी दिशानिर्देशों के अनुसार, फास्ट टैग भुगतान केवल अधिकृत मर्चेंट द्वारा शुरू किया जा सकता है। पेटीएम फास्टैग पूरी तरह से सुरक्षित है।
लोग वीडियो को मान रहे हैं सच
इसके अलावा पीआईबी एक ट्वीट के जरिए इसे फर्जी करार दिया है। पीआईबी ने साफ कहा है कि हर टोल प्लाजा का एक यूनीक कोड होता है और जैसी ट्रांजेक्शन होने का दावा वीडियो में किया जा रहा है, वैसा मुमकिन ही नहीं है। वहीं आईएएस अवनीश शरण ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- क्या यह सच है? जिसपर लोगों ने बताया कि वीडियो फेक है और पूरी तरह से स्क्रिप्टेड है।
Fact Check
दावा
फास्टैग से पैसे चुराने का स्कैम चला रहा है।
नतीजा
फास्ट टैग ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक यूजर को रिप्लाई देते हुए लिखा-एनईटीसी फास्टैग ट्रांजेक्शन सिर्फ रजिस्टर्ड मर्चेंट के जरिए ही हो सकती हैं। ये मर्चेंट टोल प्लाजा और पार्किंग प्लाजा ऑपरेटर होते है