Fact Check: अग्निपथ स्कीम को लेकर वायरल हुआ 'फर्जी' लेटर, गृह मंत्रालय ने दी सफाई
नई दिल्ली, 20 जून: रक्षा मंत्रालय के नाम से एक पत्र प्रसारित किया जा रहा है। जिसमें केंद्र की नई भर्ती योजना अग्निपथ के तहत "हाल ही में नामांकित जवानों के लिए संशोधित शर्तों और सेवा के कार्यकाल" को लेकर जानकारी साझा की है। अब वायरल हो रहे इस लेटर को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि सुर्कुलेट हो रहा पत्र फर्जी है। सरकार की ओऱ से ऐसा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र में दावा किया गया है, "1 जनवरी, 2019 के बाद सत्यापित किए गए ओआरएस, और जिन्हें 1 जुलाई, 2022 को नाइक या समकक्ष के मूल रैंक पर पदोन्नत नहीं किया गया, उन्हें अग्निपथ योजना के तहत रखा जाना है। "फर्जी" लेटर में यह भी कहा गया है कि ओआरएस को पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद एक नई चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
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पत्र आगे लिखा है कि, यह ध्यान देना जरूरी है कि, केवल 25 प्रतिशत ओआरएस इसे अगले चरण में लाएंगे और इसे नए पायलट प्रोग्राम टेंडर के लिए पंजीकृत किया जाएगा। शेष ओआरएस को मौजूदा निर्वहन नीतियों के अनुसार निर्वहन सेवा निधि के तहत रिटारयर कर दिया जाएगा। फर्जी पत्र पर संज्ञान लेते हुए पीआईबी के तथ्य-जांचकर्ता ने खुलासा किया कि रक्षा मंत्रालय ने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि, इससे पहले रविवार को, केंद्र ने अग्निपथ योजना और अग्निपथ पर फर्जी खबरें फैलाने के लिए 35 व्हाट्सएप समूहों पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा यह कार्रवाई उन व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ की गई है। जिनका इस्तेमाल बिहार जैसे राज्यों में विरोध प्रदर्शन के लिए किया जा रहा था। बिहार में अभी भी बंद के चलते जीवन प्रभावित है।
अग्निपथ योजना के विरोध में राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन और आगजनी की घटनाओं के बीच केंद्र ने पीआईबी फैक्ट चेक टीम का नंबर 8799711259 जारी किया है और नागरिकों से ऐसे किसी भी समूह की रिपोर्ट करने का आग्रह किया है।
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सरकार ने मंगलवार को सेना में भर्ती के लिए 'अग्निपथ योजना' की घोषणा की थी जिसके तहत सैनिकों को चार वर्ष की अल्पावधि के लिए भर्ती किया जाएगा। जिन्हें 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इस योजना के तहत 75 प्रतिशत अग्निवीरों को चार साल बाद बिना पेंशन के रिटायर्ड कर दिया जाएगा जबकि 25 प्रतिशत अग्निवीरों की बहाली जारी रहेगी। अग्निवीरों की भर्ती सेना के तीनों अंगों में की जाएगी।
Fact Check
दावा
"1 जनवरी, 2019 के बाद सत्यापित किए गए ओआरएस, और जिन्हें 1 जुलाई, 2022 को नाइक या समकक्ष के मूल रैंक पर पदोन्नत नहीं किया गया, उन्हें अग्निपथ योजना के तहत रखा जाना है।
नतीजा
केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि सुर्कुलेट हो रहा पत्र फर्जी है। सरकार की ओऱ से ऐसा कोई संशोधन नहीं किया गया है।