
Surya Grahan 2022: मंगल को लग रहा है सूर्य ग्रहण, जानिए अच्छा है या बुरा?
Surya Grahan 2022: आज पूरा विश्व साल 2022 के दूसरे और अंतिम सूर्य ग्रहण का गवाह बनेगा। ये आशिंक सूर्य ग्रहण है, जो कि भारत के अगरतला, अहमदाबाद,अजमेर, प्रयागराज, अमृतसर , बैंगलोर, भागलपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, चंडीगढ़, चेन्नई, कोच्चि, कटक, दार्जलिंग, देहरादून, दिल्ली, गांधीनगर, गोवाहटी, गया , हरिद्वार, हजारीबाग, हुबली, हैदराबाद, जयपुर, जालंधन, जयपुर, कन्याकुमारी, कोलकाता, कोल्हापुर, लखनऊ, मदुरई, मैंगलोर में दिखाई पड़ेगा। अगर आज आपने ये ग्रहण मिस किया तो आपको पूरे दस साल तक इंडिया में बड़े सूर्य ग्रहण को देखने के लिए इंतजार करना होगा। वैसे तो सूर्य ग्रहण अगले साल भी आएगा लेकिन इतना बड़ा ग्रहण आपको 21 मई, 2031 को देखने में मिलेगा, जब एक Annular Eclipse आएगा।
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दिवाली के अगले दिन बनने वाले इस ग्रहण को लेकर काफी शंका है, लोगों को लग रहा है कि दिवाली के दूसरे दिन पर आने वाला ये ग्रहण काफी घातक है तो आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है। वैज्ञानिकगण जहां इस ग्रहण को महज एक खगोलीय घटना बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि ये ग्रहण आंशिक है तो इस असर भी आंशिक ही होगा। ग्रहण आने पर प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाती हैं,ऐसे में इस ग्रहण के बाद मौसम में परिवर्तन देखने को मिल सकता है लेकिन इसे लेकर भयभीत होने की जरूरत नहीं क्योंकि ये ग्रहण संकटमोचक यानी कि हनुमान जी के प्रिय दिन यानी कि मंगलवार पर आ रहा है, इसलिए जो भी आपदाएं आ रही हैं, वो बजरंग बली की कृपा से प्रभावी नहीं होंगी।

सूर्य ग्रहण का योग और ग्रहों का योग 1300 सालों बाद बना है । आपको बता दें कि आज शाम ग्रहण शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा, ऐसे में इसका सूतक काल 24 अक्टूबर की रात 11:28 बजे से प्रारंभ हो गया है।
सूर्य ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
- सूर्य का बीज मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। ( 108 बार)
- मंगल का बीज मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।( 108 बार)
- बुध का बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः( 108 बार)
- बृहस्पति का बीज मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।( 108 बार)
- "ॐ श्री हनुमते नम:

- ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:.
- ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
- ॐ हं हनुमंते नम: ,
- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
- महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
- ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
- ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!
- ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
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