Shani Gochar 2023: 17 जनवरी को शनि का कुंभ राशि में गोचर, मीन पर प्रारंभ होगी साढ़ेसाती
Shani Gochar 2023 Rashi Parivartan (शनि राशि परिवर्तन) in Meen Rashi: शनि के कुंभ राशि में गोचर करने का देश-दुनिया पर व्यापक प्रभाव होने वाला है।
Shani Gochar 2023: शनि का महाराशि परिवर्तन 17 जनवरी 2023 को हो रहा है। शनि रात्रि में 8 बजकर 2 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही मीन राशि पर चांदी के पाये से मस्तक पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम ढैया प्रारंभ हो जाएगा। कुंभ राशि पर तांबे के पाये से साढ़ेसाती का दूसरा ढैया और मकर राशि पर सोने के पाये से साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम ढैया प्रारंभ होगा। वहीं कर्क राशि पर चांदी के पाये से शनि का लघुकल्याणी ढैया और वृश्चिक राशि पर स्वर्ण पाद से लघुकल्याणी ढैया प्रारंभ होगा। शनि के इस राशि परिवर्तन से धनु राशि के जातक साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे।
30 वर्ष बाद कुंभ में गोचर
प्रत्येक ग्रह का एक राशि में गोचर का समय अलग-अलग होता है। शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहता है। इस प्रकार बारह राशियों का एक चक्र पूरा करने में शनि को लगभग 30 वर्ष का समय लग जाता है। शनि इससे पहले वर्ष 1993 में कुंभ राशि में आया था।
देश-दुनिया पर प्रभाव
शनि के कुंभ राशि में गोचर करने का देश-दुनिया पर व्यापक प्रभाव होने वाला है। शनि का स्वभाव ठंडा है और यह सीधे प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ा है इसलिए बड़ी प्राकृतिक आपदाओं के संकेत मिल रहे हैं। शनि अपनी ही राशि में आकर अधिक बलवान होने के कारण देश के उत्तरी भूभागों में बड़ी हलचल, अत्यधिक शीत, बर्फबारी, भूस्खलन, बाढ़, भूकंप, बांध टूटने जैसी विपदाएं आ सकती हैं। शनि वाहनों का आधिपत्य भी करते हैं। इसलिए कोई बड़ी विमान, ट्रेन, बस दुर्घटना की आशंका है। देश-दुनिया के राजनीतिक-व्यापारिक संबंधों में टकराव, महामारी, अनजान जीवाणुओं से खतरा जैसी स्थितियां सामने आ सकती हैं।
शनि का गोचर
- 17 जनवरी 2023 को रात्रि 8.02 से
- 29 मार्च 2025 को रात्रि 11.01 तक कुंभ में
शनि अस्त
- 30 जनवरी 2023 सायं 5.56 से
- 5 मार्च 2023 प्रात: 6.51 तक
- कुल अस्त अवधि 33 दिन
शनि वक्री
- 17 जून 2023 रात्रि 10.56 से
- 4 नवंबर 2023 दोपहर 12.31 तक
- कुल वक्री अवधि 140 दिन
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