Purnima Dates 2018: पूर्णिमा पर करेंगे ये प्रयोग तो बन जाएगा बिगड़ा भाग्य
नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी संपूर्ण कलाओं से युक्त रहता है। चंद्र मनुष्य के मन, मस्तिष्क, भावनाओं को प्रभावित करता है इसलिए यह दिन विशेष कार्य की सिद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। यदि आपके जीवन में भी कोई परेशानी चल रही है, कोई ग्रह पीड़ा दे रहा हो तो आप पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय करके अपनी समस्त परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।
मानसिक तनाव
यदि आपको लगातार किसी न किसी बात को लेकर मानसिक तनाव बना रहता हो। कार्यों में बाधाएं आ रही हों। काम अटकते हों और उन सबके कारण मन विचलित रहता हो तो प्रत्येक माह की पूर्णिमा के दिन किसी शिव मंदिर में सवा किलो अक्षत यानी चावल लेकर जाएं और भगवान शिव की विधिवत पूजा करके अपने दोनों हाथों से एक बार चावल अर्पित करें। बचे हुए चावल वहीं मंदिर में या किसी जरूरतमंद को दान कर दें। इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
यदि आप आर्थिक परेशानियों से घिरे हुए हैं तब कीजिए ये काम
यदि आप आर्थिक परेशानियों से घिरे हुए हैं। आप पर कर्ज बढ़ता जा रहा हो और आपके परिवार में क्लेश बना हुआ है तो किसी पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद, बेलपत्र, शमीपत्र और फल अर्पित करें। सफेद चंदन में केसर मिलाकर शिवजी को लगाएं। इससे गृह क्लेश से मुक्ति मिलेगी। आर्थिक प्रगति के रास्ते खुलेंगे।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
प्रत्येक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार के बाहर पानी से धोएं। इस पर हल्दी, कुंकुंम की रंगोली बनाएं। द्वार पर ऊपर की ओर आम के ताजे पत्तों की बंदनवार बांधें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा और घर में शुभता आएगी।
धन संचय के उपाय
महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए प्रत्येक पूर्णिमा के दिन चंद्र उदय होने के बाद साबूदाने की खीर मिश्री डालकर बनाएं और मां लक्ष्मी को नैवेद्य अर्पित करें। इस खीर को प्रसाद के रूप में बच्चों में बांट दें। आपके घर में धन का आगमन बना रहेगा।
इन बातों का रखें ख्याल
- प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह हल्दी से घर के मुख्य द्वार पर ऊं लिखें। इससे आर्थिक संकट दूर होता है और घर में बीमारियां प्रवेश नहीं करतीं।
- पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन, प्याज, लहसुन, मांसाहारी पदार्थों, शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे ग्रह दोषों में वृद्धि होती है।
- पूर्णिमा के दिन संभोग बिलकुल नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति को पितृ दोष लगता है।
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