अमर सिंह के महासचिव बनने से क्या बढ़ेगी सपा में कलह?
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की जंग थम ही रही थी कि मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह को पार्टी का महासचिव बनाकर इस जंग को एक नई दिशा दे दी है।
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मुलायम सिंह का अमर प्रेम कुछ यूं ही नहीं है। यूपी के विधान सभा चुनाव सिर पर है और मुलायम सिंह को शायद यह अच्छी तरह मालूम है कि अगामी विधान सभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने वाला है।
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यदि ऐसा हुआ तो सरकार बनाने में जोड़-तोड़ के माहिर अमर सिंह की खास जरूरत पड़ेगी। चुनाव में धन और गलैमर के तड़के की भी आवश्यकता होती है। इन सभी चीजों की जरूरत अमर सिंह बड़ी आसानी से पूरी कर देंगे। शायद इन्हीं सब कारणों की वजह से पार्टी में काफी विरोध के बावजूद भी मुलायम ने अमर सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
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अब आइये ज्योतिषीय विशलेषण के आधार पर जानते है क्या अमर सिंह को महासचिव बनायें जाने पर सपा में बढ़ेगी कलह ?
- अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी सन् 1956 को मध्यान्ह 12 बजे आजमगढ़ में हुआ था। वर्तमान में आपकी कुण्डली में सूर्य की महादशा में केतु की अन्तर दशा चल रही है। सूर्य पंचमेश होकर दशम भाव में बैठा है। पंचम भाव दिमाग का कारक है और दशम भाव राजनीति व पद, प्रतिष्ठा का। इसलिए आप-अपनी कुशल बौद्धिक रणनीति के कारण राजनीति में बने रहेंगे।
- केतु की अन्तर दशा 20 जनवरी 2017 तक चलेगी। केतु नीच का होकर द्वितीय भाव में शुक्र की राशि वृषभ में स्थित है। द्वितीय भाव वाणी व परिवार का कारक होता है। जिस कारण आप तीखे व कटाक्ष भरे शब्दों की वजह से चर्चा में बने रहेंगे।
- 24 नवम्बर तक अमर सिंह को लेकर सपा में अन्दरूनी कलह बनी रह सकती है। आजम खां, अरविन्द सिंह गोप व अखिलेश यादव की नाम राशि मेष है, जो अमर की पत्री में प्रथम स्थान में है। इन लोगों से अमर सिंह का मानसिक युद्ध चलता रहेगा। प्रो. रामगोपाल व राजेन्द्र चौधरी की नाम राशि तुला है, जो अमर की कुण्डली में मारक स्थान में है। अमर सिंह को सबसे ज्यादा नुकसान प्रो0 रामगोपाल यादव से ही हो सकता है। कुछ ऐसी भी उम्मीद दिख रही है अमर सिंह का पावर बढ़ने से प्रो0 रामगोपाल त्यागपत्र देने की धमकी दे सकते है।
- 20 जनवरी 2017 से सूर्य में शुक्र का अन्तर प्रारम्भ हो जायेगा। शुक्र द्वितीयेश व सप्तमेश होकर लाभ भाव में बैठा है। इस दौरान अमर सिंह अपने पूरे दम-खम के साथ सपा को जिताने का प्रयास करेंगे। किन्तु पार्टी को हार का सामना देखना पड़ेगा। इसके कुछ समय पश्चात सपा अपनी हार का ठीकरा अमर सिंह पर फोड़ कर उन्हें पार्टी से बाहर भी कर सकती है।