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Diwali 2016: जब मां लक्ष्मी का वाहन 'उल्लू' तो वो अशुभ कैसे?
शास्त्रों और पुराणों की बात मानें तो उल्लू की बलि देना सरासर गलत है, वो कभी अशुभ नहीं हो सकता है क्योंकि मां लक्ष्मी का वाहन ही उल्लू है।
नई दिल्ली। दिवाली रोशनी और खुशी का त्योहार है, इस दिन लोगों की कोशिश हर घर से अंधेरा मिटाने की होनी चाहिए लेकिन देश के कुछ स्थानों पर इस दिन उल्लूू की बलि दी जाती है क्योंकि दिवाली के दिन उल्लूूओं का दिखना अशुभ माना जाता है।
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लेकिन शास्त्रों और पुराणों की बात मानें तो उल्लू की बलि देना सरासर गलत है, वो कभी अशुभ नहीं हो सकता है क्योंकि मां लक्ष्मी का वाहन ही उल्लू है, इसलिए इसकी बलि देना सही नहीं है।
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आईये जानते हैं कि उल्लूओं के बारे में देश के पंडित क्या कहते हैं...
- हरिद्वार के पंडितों का कहना है कि उल्लू को पूजे बिना भक्त पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है।
- जबकि काशी नगरी के पंडितों का मानना है कि उल्लू लक्ष्मी की सवारी है इसलिए धन-धान्य की प्राप्ति के लिए उल्लू की पूजा होती है।
- उल्लू किसी के लिए अशुभ नहीं होता।
- हरिद्वार में गौतम गोत्र के वंशजों द्वारा उल्लू पूजन की परम्परा लम्बे अरसे से चली आ रही है।
- गौतम गोत्र के लोग उल्लू के दर्शन को शुभ मानते हैं।
- उल्लू को बंधक बनाकर पूजा करना उचित नहीं है।
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English summary
Diwali, the Indian festival of light that starts this week, is a celebration of life – but it means death for thousands of owls.
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