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जानिए रविवार व्रत की कथा, महत्व और विधि, बनेंगे बिगड़े काम

By पं. गजेंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। भारत में सप्ताह के प्रत्येक दिन को किसी ना किसी दैवीय शक्ति से संबद्ध किया गया है। हमारे पुराणों ने सप्ताह के प्रत्येक दिन का एक अधिपति देव सुनिश्चित किया है। माना जाता है कि उस निर्दिष्ट दिन पर अधिपति देव की पूजा करने से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है।

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आज हम सप्ताह के पहले वार यानि रविवार के व्रत की चर्चा कर रहे हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार रविवार के अधिपति देव सूर्य हैं और उनका प्रभाव भी उन्हीं की तरह प्रचंड है।

व्रत की कथा और विधि इस प्रकार है

व्रत कथा:- बहुत समय पहले किसी गांव में एक बुढि़या अम्मा रहती थी। वह प्रत्येक रविवार को सुबह उठकर स्नान कर गोबर से घर लीपती और भोजन बनाकर सबसे पहले सूर्य भगवान को भोग लगाती थी। इसके बाद ही वह भोजन ग्रहण करती थी। उसकी इस आराधना से सूर्यदेव प्रसन्न थे और उनकी कृपा से अम्मा का घर हर प्रकार के धन-धान्य से परिपूर्ण और कष्टों से दूर था। अम्मा रविवार को घर लीपने के लिए गोबर अपनी पड़ोसन के घर से लाती थी। पड़ोसन अम्मा के ऐश्वर्य से अप्रसन्न थी। उसने विचार किया कि ये बुढि़या रोज मेरी गाय का गोबर ले जाती है।

गाय को घर के अंदर बांधना शुरू कर दिया

गाय को घर के अंदर बांधना शुरू कर दिया

ऐसा सोचकर उसने अपनी गाय को घर के अंदर बांधना शुरू कर दिया। इससे अम्मा को घर लीपने के लिए गोबर ना मिला। इसलिए उसने रविवार को ना तो भोजन बनाया, ना भोग लगाया और ना ही खुद ग्रहण किया। नियम टूटने से दुखी अम्मा रात्रि में भी बिना कुछ खाए-पिए ही सो गई, इस तरह उसका निराहार व्रत हो गया। उधर, भगवान सूर्य भी उसके भोग की प्रतीक्षा कर रहे थे। जब भोग ना लगा, तो वे स्वप्न में आकर अम्मा से कारण पूछने लगे। अम्मा ने गोबर ना मिलने से नियम टूटने की बात कह क्षमा मांगी। इस पर सूर्यदेव ने उसे सर्वइच्छा पूर्ण करने वाली एक गाय देने का वरदान दिया।

रविवार का व्रत

रविवार का व्रत

सुबह उठकर अम्मा ने अपने आंगन में अतिसुंदर गाय को बछड़े के साथ खड़ा पाया। अम्मा ने उसे अपने आंगन में बांध दिया और काम में लग गई। उसने यह ना देखा कि गाय ने सोने का गोबर किया है। उधर, अम्मा की पड़ोसन गाय देख जल-भुन गई और पूरे समय उस पर नजर रखने लगी। उसे ज्ञात हो गया कि यह गाय तो सुबह सोने का गोबर देती है। वह रोज सुबह जल्दी उठ जाती और सोने का गोबर उठाकर उसकी जगह अपनी गाय का गोबर रख जाती। अम्मा उस गोबर को घर में रख लेती। जब सूर्य देव ने देखा कि उनके वरदान का लाभ अम्मा को नहीं मिल पा रहा, तो उन्होंने एक शाम तेज आंधी चला दी। इससे अम्मा ने गाय आंगन से हटाकर अपने घर के अंदर बांध ली। दूसरे दिन उसने देखा कि गाय ने सोने का गोबर दिया है। अब वह रोज गाय का अंदर ही बांधने लगी।

सब प्रकार के सुख को प्राप्त किया

सब प्रकार के सुख को प्राप्त किया

अम्मा की पड़ोसन इस बात को बर्दाश्त ना कर सकी और राजा के पास पहुंचकर बोली कि मेरी पड़ोसन बुढि़या के पास सोने का गोबर देने वाली गाय है। आप उसे ले लीजिए और प्रजा के हित में उस धन का उपयोग कीजिए। उसकी बात सुन राजा ने तत्काल सैनिक भेज अम्मा की गाय और बछड़े को मंगवा लिया। दूसरे दिन जब राजा सोकर उठा तो उसने सारा महल गोबर से भरा पाया, जो साफ करने पर और बढ़ता जाता था। महल में दुर्गंध के कारण सबका रहना मुश्किल हो गया। रात में भगवान सूर्य ने राजा के सपने में आकर सारी बात कही और अम्मा को वरदान वाली गाय लौटाने को कहा। राजा ने तुरंत अम्मा को बुलाकर बहुत से धन के साथ गाय-बछड़ा लौटा दिया और पड़ोसन को दंड दिया। ऐसा करते ही महल से सब गोबर साफ हो गया। इसके बाद से राजा-रानी समेत पूरा राज्य ही रविवार का व्रत करने लगा और भगवान सूर्य की कृपा से सभी ने सब प्रकार के सुख को प्राप्त किया।

भोजन एक ही समय करें

भोजन एक ही समय करें

रविवार के व्रत को सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाला व्रत माना जाता है। इस दिन प्रातः काल से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शांतचित्त होकर भगवान सूर्य का स्मरण करें। घर में जो भी भोजन बनाएं, उसमें शुद्धता का ध्यान रखें और भगवान को भोग लगाकर स्वयं भोजन ग्रहण करें। भोजन एक ही समय करें और फलाहार भी सूर्य का प्रकाश रहते ही कर लें।

रविवार का व्रत करने से मान-सम्मान बढ़ता है

रविवार का व्रत करने से मान-सम्मान बढ़ता है

सूर्य के अस्त होने के बाद कुछ भी आहार ग्रहण ना करें, केवल पानी ले सकते हैं। अगले दिन सूर्योदय के बाद अर्घ्य देकर ही अन्न ग्रहण करें। व्रत के अंत में कथा अवश्य सुनें। व्रत के दिन नमकीन, तेलयुक्त आहार बिलकुल ना लें। रविवार का व्रत करने से मान-सम्मान बढ़ता है, शत्रुओं का नाश होता है और समस्त पीड़ाएं दूर होती हैं।

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English summary
People keep fast on Sundays in the name of Surya Narayan or the Sun God. It is believed that a fast on a Sunday saves one from skin diseases like leprosy, ringworm, and eyesores.
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