नवरात्रि 2016: क्यों होता है मां भगवती का सोलह श्रृंगार?
बैंगलुरू। नवरात्रि में केवल मां का श्रृंगार ही मायने नहीं रखता है बल्कि मां की पूजा करने वाली भक्तजनों का भी संजना-संवरना काफी जरूरी है।
नवरात्रि 2016: 'गरबे' की तैयारी में जुटा गुजरात, जानिए क्या है कनेक्शन?
काशी के पंडित स्वामी नाथ शर्मा का कहना है कि मां का श्रृंगार हमलोग इसलिए करते हैं क्योंकि वो पावन, सर्वशक्तिमान, मजबूत और सुंदर हैं। जिनकी छांव में इंसान हर दर्द भूल जाता है, जब बच्चों को ममता की जरूरत बनती हैं तो वो परमप्रिया मां पार्वती बन जाती हैं और जब बच्चों की जान पर बन आती हैं तो वो मां काली का रूप धर लेती हैं, इसलिए भक्तजन खुश होकर अपनी मां को सजाते हैं।
नवरात्रि 2016: 'अश्व' पर आएंगी मां दुर्गा, परेशान नेतागण
पंडित स्वामी नाथ शर्मा ने कहा कि मां का वास अपने हर भक्त के दिल में होता है इसलिए मां की तरह भक्त को भी संजना-संवरना चाहिए क्योंकि इस वजह से वो खुश और शांत रहेगा, जो कि किसी भी काम को पूरा करने लिए बहुत ज्यादा जरूरी हैं। इसलिए दुर्गासप्तशति और पुराणों में मां के श्रृंगार का वर्णन होता है और नवरात्रि में मां का 16 श्रृंगार किया जाता है।
इस बार नौ नहीं दस दिन की है नवरात्रि, 18 साल बाद महासंयोग