मोदी सरकार के 4350 करोड़ प्लस रुपये 42 लाख से अधिक 'गलत खातों' में गए, वसूली की तैयारी
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत करोड़ों किसानों को केंद्र सरकार से पैसे मिलते हैं। हालांकि, चौंकाने वाले प्रकरण में 42 लाख से अधिक ऐसे लाभार्थियों के बैंक खातों में पैसे जमा हुए हैं, जो पीएम किसान स्कीम के पात्र नहीं थे।
नई दिल्ली, 14 जून : पीएम किसान सम्मान निधि (pm kisan) की शुरुआत दिसंबर, 2018 में की गई। इस योजना से करोड़ों किसानों के बैंक खातों में केंद्र सरकार की ओर से 2000 रुपये की किस्त जमा की जाती है। 12 महीनों में कुल 6000 रुपये जमा होते हैं। हालांकि, एक चौंकाने वाले प्रकरण में 42 लाख से अधिक 'गलत लाभार्थियों' को पीएम किसान स्कीम के तहत 4350 करोड़ से अधिक पैसे मिलने का मामला उजागर हुआ है। उत्तर प्रदेश में 6 लाख से अधिक किसानों को अपात्र माना गया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार अपात्र लाभार्थियों से वसूली कर रही है। महाराष्ट्र के रायगड में 26 हजार से अधिक किसान अपात्र पाए गए हैं। पढ़िए, वनइंडिया हिंदी की ये रिपोर्ट
PM Kisan : यूपी में 200 करोड़ की वसूली !
बता दें कि गत 11 मई को टाइम्सऑफइंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ तीन लाख टैक्स भरने वाले लोगों को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में इस स्कीम का गलत लाभ लेने वाले लोगों से 200 करोड़ रुपये की वसूली किए जाने की बात सामने आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर अवैध लाभार्थियों से वसूली का निर्देश दिया है।
PM KISAN के मकसद को झटका !
इसी रिपोर्ट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एग्रीकल्चर) देवेश चतुर्वेदी के हवाले से कहा गया कि गलत लोगों के बैंक खातों में पैसे जाने के कारण कम आमदनी वाले किसानों की मदद के लिए शुरू हुई पीएम किसान सम्मान निधि के मकसद को झटका लगा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार इन किसानों से जल्द से जल्द पूरी रकम वसूल करेगी।
42.73 लाख लोग PM KISAN योजना के पात्र नहीं
इससे पहले पीएम किसान सम्मान निधि पर 9 जनवरी, 2022 को प्रकाशित हिंदुस्तानटाइम्स डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने यूपी में अक्टूबर, 2021 तक करीब 7.23 लाख किसान पीएम किसान योजना के लिए अयोग्य पाया। इस रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि देशभर में लगभग 42.73 लाख लोगों को पीएम किसान योजना का पात्र नहीं पाया गया, लेकिन इन लोगों के बैंक खातों में पैसे जमा हुए। इन लोगों को पैसे लौटाने ही होंगे।
कृषि मंत्रालय ने तय किए हैं SOP
रिपोर्ट में कहा गया कि नियमों के मुताबिक जिन 'किसानों' को PM-KISAN योजना के तहत पैसे मिले हैं, लेकिन वे इसके पात्र नहीं थे, इन लोगों को स्वेच्छा से पैसे लौटाने होंगे। ऐसा न करने पर सरकार रिकवरी प्रोसिडिंग शुरू करेगी। नियमों के तहत राज्य सरकार इन अपात्र किसानों से पैसों की वसूली करने के बाद केंद्र सरकार के अकाउंट में पैसे जमा कराएगी। वसूली के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से मानक प्रक्रिया (Standard Operating Procedure) तय की गई है।
क्या चुनाव के कारण नोटिस नहीं भेजे गए ?
खबरों के मुताबिक वसूली के नोटिस भेजने में देरी का एक प्रमुख कारण 'वोटबैंक' रहा है। हिंदुस्तानटाइम्स डॉटकॉम की रिपोर्ट में कहा गया, किसानों के आंदोलन और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक होने के कारण राज्य सरकार के अधिकारियों ने पीएम किसान स्कीम के अपात्र लाभार्थियों को नोटिस भेजने से परहेज किया। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा संसद से पारित कराए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान खुद पीएम मोदी ने किया था।
केंद्र सरकार के अधीन हैं राज्य
हिंदुस्तानटाइम्स डॉटकॉम की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के हवाले से कहा गया, पीएम किसान की किस्तों की वसूली का मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील है। नाम न छापने की अपील कर मंत्री ने बताया, सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि केवल पात्र किसान ही पीएम-किसान स्कीम का लाभ उठाएं। राज्य सरकार को केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार ही काम करना होगा।
क्या है PM KISAN, कब हुई शुरुआत, कौन अपात्र
गौरतलब है कि दिसंबर, 2018 में शुरू हुई इस स्कीम का मकसद किसानों को (मानकों के आधार पर) दो हजार रुपये की तीन किस्तों में साल में 6000 रुपये की आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 11 किस्तें किसानों के बैंक खातों में जमा हो चुकी है।
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