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निर्यात बढ़ाने पर योगी सरकार का फोकस, छह जिलों को पोटेंशियल हब के रूप में किया जाएगा विकसित

निर्यात बढ़ाने पर योगी सरकार का फोकस, छह जिलों को पोटेंशियल हब के रूप में किया जाएगा विकसित

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लखनऊ, 19 जून: योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार की औद्योगिक नीतियों का जोर इस पर है कि सभी जिलों से निर्यात बढ़े। सभी क्षेत्रों में औद्योगिक विकास समान रूप से हो, लेकिन इस बीच निर्यात की अधिक संभावनाओं वाले प्रदेश के छह जिलों को पोटेंशियल हब के रूप में विकसित करने के ल‍िए केंद्र सरकार ने अपनी योजना में शामिल किया है।

UP CM Yogi says six districts will be developed as potential hubs

यह जिले कानपुर, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, आगरा, वाराणसी और भदोही हैं, जहां व्यापार अवसंरचना (ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर) को मजबूत कर इन जिलों के छोटे-छोटे कस्बों से भी निर्यात को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2017 से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की प्रदेश में मजबूती को देखते हुए इस प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास शुरू किए।

निर्यात समग्रता से बढ़े, इसके लिए पहली बार एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) जैसी योजना 2018 में शुरू की। उसी का परिणाम रहा कि दो-ढाई वर्ष तक कोरोना संक्रमण का काफी असर रहने के बावजूद निर्यात का आंकड़ा बढ़ता ही गया। पांच वर्षों में प्रदेश से निर्यात 86 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर एक लाख 56 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

योगी सरकार इस आंकड़े को तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने देश के पचास जिलों को निर्यात के लिए पोटेंशियल हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई तो उसमें भी उत्तर प्रदेश को विशेष प्राथमिकता दी गई है। इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश के छह जिलों कानपुर, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, आगरा, वाराणसी और भदोही को शामिल किया गया है।

योजना का उद्देश्य है कि इन जिलों के छोटे शहर और कस्बों में भी ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य कारोबारी सुविधाओं का विकास किया जाए। यहां गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा, ताकि जिले से निर्यात को बढ़ाने में छोटे-छोटे कस्बे के कारोबारी भी सहभागी बनें, साथ ही रोजगार सृजन का दायरा भी बढ़े। केंद्र सरकार की इस योजना के मुताबिक चयनित जिलों को पोंटेशियल हब बनाने के लिए 40 करोड़ रुपये की धनराशि दी जाएगी।

इसमें 60 प्रतिशत केंद्रांश और 40 प्रतिशत राज्यांश प्रस्तावित है। इस पैसे से उद्यमियों के लिए कामन सर्विस सेंटर और आधारभूत संरचनाओं को विकसित किया जाएगा। निर्यात विकास केंद्र की भी स्थापना की जाएगी। एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल ने बताया कि चिन्हित जिलों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी। प्रयास किया जाएगी कि इस योजना के माध्यम से नए व्यवसायों को भी आगे बढ़ाते हुए उन्हें निर्यात के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

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जिला निर्यात हब बनाकर वहां उद्यमियों की समस्याओं का तुरंत निवारण किया जाएगा। साथ ही बाजार और अन्य दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें खरीददार से सीधे जोड़ा जाएगा। पैक हाउस, कोल्ड स्टोरेज और सह उत्पादन सुविधा आदि के लिए भी सहायता दी जाएगी।

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English summary
UP CM Yogi says six districts will be developed as potential hubs
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