एक साल के अंतराल के बाद भक्तों के लिए फिर से खोला गया ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर का श्रीमंदिर
एक साल बाद बुधवार को श्री जगन्नाथ मंदिर के श्रीमंदिर में भक्तों की उपस्थिति में कुमार पूर्णिमा पर्व पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया।
भुवनेश्वर, 21 अक्टूबर। एक साल बाद बुधवार को श्री जगन्नाथ मंदिर के श्रीमंदिर में भक्तों की उपस्थिति में कुमार पूर्णिमा पर्व पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। श्रीमंदिर को पिछले साल महामारी के कारण भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था। मंदिर को सुबह सात बजे से रात 9 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रखा गया था। परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ और उनकी पत्नी महालक्ष्मी के बीच जुए का एक रूप 'कौड़ी खेला' का अनुष्ठान मंदिर में किया जाता था।
इससे पहले, सेवादारों ने महालक्ष्मी को मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचाया जहां रत्न सिंघासन के ऊपर कौड़ी खेला आयोजित किया जाता था। खेल में कौड़ी के रूप में छोटे शंक नामक पारंपरिक सिक्कों का उपयोग किया जाता था। यह खेल भगवान जगन्नाथ और महालक्ष्मी की ओर से सेवकों द्वारा खेला जाता है। परंपरा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ अंतिम गेम में हार मान लेते हैं जिसके बाद उन्हें एक सप्ताह के लिए श्रीमंदिर परिसर में महालक्ष्मी मंदिर में महालक्ष्मी के सेवकों द्वारा कैद कर लिया जाता है।
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बता दें कि इस अवसर पर जुआ खेलना शुभ माना जाता है और लोग देर रात तक जुआ खेलते हैं। कुमार पूर्णिमा अविवाहित लड़कियों को समर्पित है जो इस अवसर पर नए कपड़े पहनती हैं। शाम को लड़कियां चांद को फूलों के अलावा पनीर, लिया और खाई से बनी मिठाई 'चंदा चकता' चढ़ाती हैं।