झारखंड में आरक्षित कोटे से 77 फीसद नियुक्ति होगी, हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला
रांची,22 नवंबर- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 सितंबर 2022 को मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृत कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में सन्निहित प्र
रांची,22 नवंबर- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 सितंबर 2022 को मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृत कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक में सन्निहित प्रस्ताव में संशोधन को स्वीकृति दे दी है। 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 (1) एवं 4(2) के प्रावधान विलोपित कर दिए गए हैं। ज्ञात हो कि झारखंड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ा वर्गों के लिए) से जुड़े 2001 के मूल अधिनियम की धारा 4 (1) एवं 4(2) के प्रावधानों को विलोपित करते हुए उसे निम्न रूप से प्रतिस्थापित किया गया है। 4 (1)) के अंतर्गत किसी स्थापना में सेवाओं और पदों की सभी नियुक्तियां, जो सीधी भर्ती के द्वारा भरी जानी हो, निम्नलिखित रूप से विनियमित की जाएगी।
किसी
श्रेणी
के
लोगों
को
कितना
आरक्षण
देने
का
प्रविधान
खुली
गुणागुण
(मेरिट)
कोटि
से
23
प्रतिशत
और
आरक्षित
कोटि
से
77
प्रतिशत
नियुक्तियां
होंगी।
आरक्षित
कोटि
की
77
प्रतिशत
में
से
आरक्षित
उम्मीदवारों
को
विभिन्न
कोटियों
की
रिक्तियां
निम्न
तरीके
से
भरी
जाएगा।
इसमें
अनुसूचित
जाति
को
12
प्रतिशत,
अनुसूचित
जनजाति
को
28
प्रतिशत,
अत्यंत
पिछड़ा
वर्ग
(अनुसूची
1)
को
15
प्रतिशत
और
पिछड़ा
वर्ग
(अनुसूचित
2)
को
12
प्रतिशत
आरक्षण
होगा।
इसके
अलावा
आर्थिक
रूप
से
कमजोर
वर्ग
के
लिए
10
प्रतिशत
आरक्षित
होगी।
नौवीं
अनुसूची
में
सम्मिलित
होने
के
उपरांत
प्रभावी
होगा
यह
अधिनियम
झारखंड
पदों
एवं
सेवाओं
की
रिक्तियों
में
आरक्षण
(संशोधन)
अधिनियम-
2022
के
नाम
से
जाना
जाएगा
।
इसका
विस्तार
संपूर्ण
झारखंड
राज्य
में
होगा।
यह
अधिनियम
भारत
राज्य
के
संविधान
की
नौवीं
अनुसूची
में
सम्मिलित
होने
के
उपरांत
प्रभावी
होगा।