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दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में खींचतान,आतिशी का आरोप- एलजी ने लौटाई अहम फाइलें

दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है। ताजा मामला पब्लिक प्रॉसिक्यूटर स्टैंडिंग काउंसिल की नियुक्ति को लेकर खड़ा हुआ है।

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दिल्ली,30 जून: दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है। ताजा मामला पब्लिक प्रॉसिक्यूटर स्टैंडिंग काउंसिल की नियुक्ति को लेकर खड़ा हुआ है। आप विधायक आतिशी ने कहा है कि एलजी ने स्टैंडिंग काउंसिल की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। आप नेता आतिशी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर स्टैंडिंग काउंसिल की नियुक्ति प्रक्रिया को पूर्व एलजी ने मंजूर किया था।

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चयनित लिस्ट को दिल्ली उच्च न्यायालय के 40 जजों ने अनुमति दी, लेकिन नए उपराज्यपाल ने यह कह कर रोक लगा दी है कि अब वह फैसला करेंगे। आतिशी ने कहा कि अगर सरकारी वकीलों को नियुक्त करने की प्रक्रिया को और लंबित किया जाता है तो इससे नुकसान दिल्ली की जनता को होगा। दिल्ली में होने वाले सभी अपराधों के खिलाफ जब मामला कोर्ट में जाता है तो उसे सरकारी वकील लड़ता है।

ऐसे में दिल्ली के जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय में जो आपराधिक मामले चल रहे हैं, उनमें रोक लगी हुई है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के पास केवल जमीन, पुलिस और लॉ एंड आर्डर है। बाकी सभी विभाग में उनको कैबिनेट की सलाह पर जाना पड़ेगा। एलजी ऐसे कदम उठा रहे हैं जिससे दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था पर असर पड़ रहा है।

आतिशी ने कहा कि इनसे पिछले एलजी ने जो प्रक्रिया अपनाई और उच्च न्यायालय के 40 जजों ने मुहर लगाई, आज उपराज्यपाल ने उस प्रक्रिया को रोक दिया है। ऐसा लगने लगा है कि नए एलजी को दिल्ली की चुनी हुई सरकार से ही आपत्ति नहीं है बल्कि पुराने एलजी से भी झगड़ा था। क्योंकि जिन फाइलों को उन्होंने मंजूरी दी और जिस प्रक्रिया पर मुहर लगाई, उसी पर नए एलजी सवाल उठा रहे हैं।

बायोडाटा न होने की वजह से लौटाई गई फाइल

राजनिवास के सूत्रों ने स्टैडिंग काउंसिल की नियुक्ति के मामले में आप की नेता आतिशी द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत और गुमराह करने वाला करार दिया है। सूत्रों का कहना है कि बायोडाटा नहीं होने के चलते फाइल लौटाई गई है। सूत्रों का कहना है कि स्टैंडिंग काउसिंल, एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल और एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के तौर पर 44 नाम तय करके कानून मंत्री और तत्कालीन उप राज्यपाल की ओर से हाईकोर्ट भेजे गए थे।

हाईकोर्ट ने चार नामों को खारिज कर दिया था जबकि 40 नामों पर अपनी सहमति दी थी। दस जून को जब इनकी फाइल उप राज्यपाल के सामने रखी गई तो पाया गया कि इसमें उनका बायोडाटा नहीं था। इसी के चलते कानून मंत्री को फाइल वापस भेजी गई है। जबकि, दिल्ली सरकार की ओर से अभी इसका जवाब नहीं दिया गया है। वर्ष 2010 के दिशानिर्देशों का जिक्र करते हुए राजनिवास के सूत्र बताते हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट के परामर्श के साथ उप राज्यपाल स्टैंडिंग काउंसिल (क्रिमिनल), एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल (क्रिमिनल) और एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त करने के प्राधिकारी हैं।

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English summary
Delhi government and Lt Governor tussle, Atishi alleges - LG returned important files
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