Vaivaswat Saptami 2022: सम्मान पाने और रोगों से मुक्ति के लिए विवस्वत सप्तमी पर करें सूर्यदेव की आराधना
नई दिल्ली, 06 जुलाई। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन विवस्वत सप्तमी होती है। वो दिन आज है, यह दिन सूर्य देव की आराधना का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन में सुख-सम्मान की प्राप्ति होती है और समस्त रोगों से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों की जन्मकुंडली में सूर्य ठीक नहीं होता है, सूर्य कमजोर है, उन्हें विवस्वत सप्तमी पर सूर्यदेव का पूजन अवश्य करना चाहिए। इस दिन सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में प्रात: 11.10 बजे प्रवेश करेगा।
कैसे करें पूजन
विवस्वत सप्तमी के दिन सूर्योदय पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर लाल वस्त्र धारण करें और लाल चंदन का तिलक करें। तांबे के कलश में जल, रौली, लाल चंदन, अक्षत डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। कलश से गिरते जल में से सूर्यदेव के दर्शन करें। जल अर्पित करते समय ऊं घृणि: सूर्याय नम: मंत्र का मानसिक जाप करें। सूर्यास्त के समय एक बार फिर अर्घ्य दें। गेहूं के आटे और गुड़ का हलवा बनाकर सूर्यदेव को नैवेद्य करें और इसे प्रसाद के रूप में बांटें। आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें। ब्राह्मणों को भोजन करवाकर स्वयं भोजन ग्रहण करें। इस दिन भोजन में नमक का त्याग किया जाता है।
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विवस्वत सप्तमी के लाभ
- विवस्वत सप्तमी के दिन सूर्यदेव का पूजन करने से मान-सम्मान, प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
- नेत्र और मस्तिष्क संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है।
- पूरा शरीर निरोगी बनता है और आयु में वृद्धि होती है।
- सूर्यदेव की कृपा से जन्मकुंडली के समस्त दोषों का निवारण होता है।
- जिनकी जन्मकुंडली में सूर्य ग्रहण दोष है उन्हें विवस्वत सप्तमी पर सूर्यदेव का पूजन अवश्य करना चाहिए।