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Sawan 2018: जानिए कौन से शिवलिंग कौन सा फल प्रदान करते हैं
लखनऊ। स्कन्द पुराण में कहा गया है कि आकाश स्वयं लिंग है, धरती उसकी पीठ व आधार है और सब अन्नत शून्य में उत्पन्न हुये है व उसी में लय होने के कारण इसे लिंग कहा गया है। शिवलिंग मुख्यतः ग्यारह प्रकार के होते है। जो प्रथम स्थान पर रूद्री रूपी ज्योतिंलिं है। यह भारत के सभी शक्ति पीठों में पूजा जाता है। शास्त्रों में शिवलिंग की महत्ता का बखान करते हुये कहा गया है कि जो मनुष्य किसी तीर्थ की मिट्टी से शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन-अर्चन करता है, उसकी सारी मनोकामनायें पूर्ण होती है।
आज हम बात करते है किस वस्तु से निर्मित शिवलिंग से कौन सी मनोकामना पूर्ण होती है..

फूलों से बना शिवलिंग भूमि, मकान का लाभ दिलाता है
- कस्तूरी व चन्दन से बना शिवलिंग शिव कृपा, शान्ति व जीवन में सफलता दिलाता है।
- फूलों से बना शिवलिंग भूमि, मकान का लाभ दिलाता है।
- भीगे तिल को पीसकर बनाया गया शिवलिंग अभिलाषा पूर्ति कराता है।
- यज्ञ कुण्ड से ली गई भस्म से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने इच्छित कामनाओं की पूर्ति होती है।

शिवलिंग का पूजन
- किसी से प्रेम बढ़ाने के लिए गुड़ से बने शिवलिंग का पूजन करना चाहिए।
- सुख शान्ति की प्राप्ति के लिए शक्कर की चाश्नी से बने शिवलिंग का पूजन करने लाभ होता है।
- बांस के अंकुर से बने शिवलिंग का पूजन अर्चन करने से वंश की वृद्धि होती है अर्थात निःसन्तानों को सन्तान की प्राप्ति होती है।
- गुड़ में थोड़ा अन्न चिपकाकर बने शिवलिंग का पूजन करने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है।
- आंवले को पीसकर बनाये गये शिवलिंग का पूजन करने से मुक्ति मिलती है।
- दूर्वा को शिवलिंगाकार गूथकर उसकी पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
- नीलम रत्न से बने शिवलिंग का पूजन करने से शनिदेव की कृपा मिलती है एवं कार्यो में सफलता मिलती है।
- चांदी के शिवलिंग का पूजन करने से धन-धान्य व आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

पारद से बने शिवलिंग श्रेष्ठ
- मोती के शिवलिंग का पूजन करने से स्त्री के भाग्य में वृद्धि होती है।
- पीतल के बने शिवलिंग का पूजन करने से घर की दरिद्रता दूर होती है एवं सफलता प्राप्त होती है।
- लहसुनिया रत्न से बने शिवलिंग का पूजन-अर्चन करने से शत्रुओं का नाश होता है और स्वयं को विजय श्री मिलती है।
- पारद से बने शिवलिंग की शास्त्रों में बहुत प्रशंसा की गई है, इसे ज्योतिर्लिंग में भी श्रेष्ठ माना गया है। इसका पूजन सर्व कामप्रद, मोक्षप्रद शिव स्वरूप बनाने वाली है।
- यह समस्त पापों का नाश करके जीवों को संसार के समपूर्ण सुख एवं मोक्ष देता है। ऐसा लिंग जो खुरदरा, चिपटा, केवल एक ओर गोल और दूसरी ओर चिपटा जिसका सिर खुरदरा हो जिसमें कई छेद हो, जिसका सिर बहुत नुकीला हो या टेढ़ा हो, उसे पूजा के लिए नहीं लिया जाना चाहिए।

ऐश्वर्य व सुख की प्राप्ति
- बहुत बड़ा, अधिक पतला, अधिक छोटा, जिस पर धारियाॅ पड़ी हो, ऐसा लिंग भी पूजा के लिए नहीं जाना चाहिए।
- बादल के समान श्याम रंग का, शहद के समान वर्ण का या श्वेत रंग के शिवलिंग का पूजन भी नहीं करना चाहिए।
- कमल-गट्टे के बराबर शिवलिंग या जामुन के फल के बराबर शिवलिंग ही गृहस्थ लोग घर में रखकर पूजन कर सकते है, इससे बड़े शिवलिंग को घर में नहीं रखना चाहिए।
- पीले, सफेद, नीले, संतरे के समान रंग वाला शिवलिंग भी श्रेष्ठ माना गया है।
- जौ, चावल से निर्मित शिवलिंग पुत्र लाभ व धन प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
- हरताल, त्रिकुट, लवण से निर्मित शिवलिंग वशीकरण हेतु प्रयुक्त होता है।
- स्वच्छ से कपित वर्ण के गोबर से निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से ऐश्वर्य व सुख की प्राप्ति होती है।
- सीसे से निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- अष्टधातु से बने शिवलिंग का पूजन करने से सर्वसिद्धि की प्राप्ति होती है।
- अष्टधातु से बने शिवलिंग का पूजन-अर्चन करने से कष्टों का नाश होता है।
- स्फटिक से निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से सर्वकार्य सिद्धि होते है।
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