Hartalika Teej 2021: 'हरतालिका तीज' का पारण कब होगा?
नई दिल्ली, 08 सितंबर। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को 'हरतालिका तीज' का पर्व होता है।इस दिन महिलाएं बिना पानी के व्रत रखती हैं और शाम को भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। उत्तर भारत में ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं। कहा जाता है कि ये व्रत करने से लड़कियों को अच्छे पति की प्राप्ति होती हैं और सुहागिनों का सुहाग लंबी उम्र वाला होता है।
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ये बेहद ही कठिन व्रत है क्योंकि ये उपवास निर्जला रखा जाता है। इसमें महिलाएं 24 घंटे का व्रत करती हैं। कहीं-कहीं महिलाएं पूजा के बाद पानी पी लेती हैं लेकिन उपवास खोलना यानी कि पारण पूरे 24 घंटे के बाद ही होता है। पारण करते वक्त पानी धीरे-धीरे पीना चाहिए। इसके बाद किसी मीठी चीज का सेवन करना चाहिए। बहुत जगहों पर महिलाएं दही-जलेबी का सेवन करती हैं। मीठा खाने के बाद ही नमक की बनी हुई चीज मुंह में डालनी चाहिए।
पारण का वक्त
9 सितंबर को सूर्योदय पूर्व से लेकर अर्द्धरात्रि र्पयत तक तृतीया तिथि रहेगी, इसके बाद चतुर्थी लग जाएगी तो इसके बाद महिलाएं कभी भी अपना व्रत खोल सकती हैं।
क्या है 'हरतालिका तीज' का अर्थ?
'हरतालिका दो शब्दों से बना है, हरित और तालिका। हरित का अर्थ है हरण करना और तालिका अर्थात सखी। यह पर्व भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, जिस कारण इसे तीज कहते है। इस व्रत को 'हरतालिका तीज' इसलिए कहा जाता है, क्योंकि मां पार्वती को उनकी सखी ने उनके पिता हिमालय के घर से हरण कर जंगल में ले गई थीं और इस के बाद पार्वती जी ने मिट्टी के शिव बनाकर उसके सामने बैठकर बिना खाए-पिए कठिन तपस्या की थी, जिसके बाद उन्हें शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे। इसलिए इस व्रत का खासा महत्व है।
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ये हैं मां पार्वती को प्रसन्न करने के मंत्र
'ऊँ
उमामहेश्वराभ्यां
नमः''
'ऊँ
गौरये
नमः
'ऊँ
साम्ब
शिवाय
नमः'
''ऊँ
पार्वत्यै
नमः
हे
गौरी
शंकरार्धांगी।
यथा
त्वं
शंकर
प्रिया।
तथा
मां
कुरु
कल्याणी,
कान्त
कान्तां
सुदुर्लभाम्।।