Ganesh Chaturthi 2018 : जानिए कैसे जन्म हुआ था गणपति बप्पा का?
नई दिल्ली। 13 सितंबर को गणेश चतुर्थी है, जिसके लिए पूरे देश में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। बुद्धि, ज्ञान और विघ्नविनाशक के रूप में पूजे जाने वाले श्री गणेश जी के स्वागत के लिए इस समय उनके भक्तगण पूरी तरह से तैयार हैं। गणेश जी बेहद मोहिल, बुद्दिमान और ऊर्जवान माने जाते हैं और इसी वजह से इनकी पूजा करने वालों को भी ये गुण हासिल होते हैं।
चलिए जानते हैं कि आखिर गणेश जी का जन्म कैसे हुआ था...
शिवपुराण में श्री गणेश के जन्म की तैयारी
शिवपुराण में कहा गया है कि मां पार्वती ने स्नान करने से पहले अपनी मैल से एक बालक को पैदा किया और उसे अपना द्वारपाल बना दिया था और कहा था किसी को भी घर के अंदर प्रवेश नहीं करने देना, जब तक कि वो स्नान करके वापस नहीं आ जातीं। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें भी रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से भयंकर युद्ध किया परंतु संग्राम में उसे कोई पराजित नहीं कर सका।
यह पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2018: जानिए बप्पा को क्यों कहते हैं गणपति?
मां पार्वती नाराज हो उठीं
जिससे भगवान शंकर ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सर काट दिया। इससे मां पार्वती नाराज हो उठीं और उन्होंने प्रलय करने की ठान ली। भयभीत देवताओं ने देवर्षि नारद की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया।
माता पार्वती ने गज-मुख बालक को अपने हृदय से लगा लिया
शिवजी के निर्देश पर विष्णु जी उत्तर दिशा में सबसे पहले मिले जीव (हाथी) का सिर काटकर ले आए। मृत्युंजय रुद्र ने गज के उस मस्तक को बालक के धड़ पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। माता पार्वती ने उस गज-मुख बालक को अपने हृदय से लगा लिया और देवताओं में अग्रणी होने का आशीर्वाद दिया।
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2018: जानिए गणेश चतुर्थी की पूजा और मुहूर्त का समय