Chhath Puja 2017: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न हुई छठ पूजा, देखिए मनमोहक तस्वीरें...
पटना। लोकतंत्र का महान पर्व छठ आज सुबह सूरज को अर्ध्य देने के बाद संपन्न हो गया। आस्था और विश्वास का यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, दिल्ली समेत मुंबई में भी बड़े धूम-धाम से मनाया गया। चार दिन तक चलने वाले इस कठिन व्रत का समापन बहुत ही भरोसे और उम्मीद के साथ हुआ। लोगों ने अपनों के लिए छठ माता और सूरज देवता से प्रार्थना की।क्या आम क्या खास सभी में इस व्रत को लेकर काफी उल्लास देखा गया। चाहे वो नेता हो या अभिनेता, राजा हो या रंक, छठ मैया के आंगन में सभी एक जैसे नजर आये। इस मौके पर नदियों और तालाबों के तटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। भजनों और गीत-संगीत से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा। आपको बता दें कि बुधवार की शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया था। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया। पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी शुक्रवार को उदीयमान सूर्य के अघ्र्य देने के बाद ही श्रद्घालुओं का व्रत समाप्त हो गया और इसके बाद व्रतियों ने अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' कर लिया।
प्रिय जनों के स्वस्थ रहने की कामना की
अर्घ्य के दौरान डूबते और उगते सूर्य को आटे से बने पकवान, दूध, गन्ना, केला और नारियल का भोग लगाते हैं। कुल मिलाकर इस बार का पर्व भी लोगो को काफी सूकून देकर गया। लोगों ने इस व्रत के जरिए अपने परिवार और प्रिय जनों के स्वस्थ रहने की कामना की।
छठ पूजा के खूबसूरत नजारे से जिसे देखने के बाद आप के चेहरे पर भी मुस्कान खिल उठेगी।..
षष्ठी का अपभ्रंश
आपको बता दें कि कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से प्रारम्भ होकर सप्तमी तक चलने वाली चार दिवसीय छठ पूजा मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तरप्रदेश व नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़ी धूम-धाम से की जाती है। छठ पर्व षष्ठी का अपभ्रंश है।
विशेष खगोलीय अवसर
सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा जाता है। यह पर्व लगातार चार दिनों तक मनाया जाता है। षष्ठीतिथि ; छठद्ध एक विशेष खगोलीय अवसर है।
तन व मन को शुद्ध
उस समय सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर अधिकमात्रा में पड़ती है।जोमनुष्य के तन व मन को शुद्ध करने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होती है।
कठिन व्रत का समापन
चार दिन तक चलने वाले इस कठिन व्रत का समापन बहुत ही भरोसे और उम्मीद के साथ हुआ। लोगों ने अपनों के लिए छठ माता और सूरज देवता से प्रार्थना की।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े
इस मौके पर नदियों और तालाबों के तटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। भजनों और गीत-संगीत से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा।
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