असंगठित क्षेत्र के एक करोड़ श्रमिकों को योगी सरकार देगी ‘सुरक्षा कवच'
लखनऊ। योगी सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 'सुरक्षा कवच' का ऐलान कर सकती है। प्रदेश के करीब एक करोड़ असंगठित (गैर निर्माण) श्रमिकों के लिए दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य सहायता योजना शुरू करने की योजना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों यूपी कामगार एवं श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग की बैठक में यूपी सामाजिक सुरक्षा बोर्ड को इसकी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के अनुसार 12 फरवरी को सीएम के समक्ष इसका प्रेजेंटेशन हुआ, जिसमें प्रस्तावित दो योजनाओं पर सिद्धांत रूप में सहमति दे दी गई। प्रदेश में निर्माण श्रमिकों के लिए कई योजनाएं पहले से ही संचालित हैं, पर असंगठित क्षेत्र के लिए बीमा व स्वास्थ्य सहायता जैसी कल्याणकारी योजनाएं नहीं हैं। प्रदेश के कुल श्रमिकों में गैर निर्माण श्रमिकों की तादाद करीब 90 प्रतिशत मानी जाती है। कोरोना महामारी के दौरान इनकी मुश्किलें खुलकर सामने आई थी। इसके बाद से ही इनके कल्याण से जुड़ी योजना शुरू करने की बात की जा रही थी।
इन दो योजनाओं का हो सकता है ऐलान
इलाज के लिए 5 लाख, हादसे में मौत पर 2 लाख तक की सहायता और मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा सहायता योजना। इसके अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु पर दो लाख रुपए की सहायता दी जा सकती है। 50 से 100 प्रतिशत स्थायी अपंगता पर 1 लाख रुपये व 25 से 50 प्रतिशत पर 50 हजार रुपये की सहायता प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना
गंभीर बीमारी में इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक सहायता। (आयुष्मान योजना की तरह लाभ।)
ऑनलाइन होगी प्रक्रिया, ऑफलाइन का विकल्प भी खुला।
असंगठित श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन व सुविधाओं के लाभ की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार के निर्देशन में ऑनलाइन पोर्टल का सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका है और उसका ट्रायल चल रहा है। यूपी सामाजिक सुरक्षा बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन की ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरह की सुविधा का प्रस्ताव किया है। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन श्रम कार्यालय जाकर कराया जा सकेगा।
60 रुपये में 5 वर्ष के लिए पंजीकरण संभव
रजिस्ट्रेशन के लिए 10 रुपये और अंशदान के रूप में प्रतिवर्ष 10 रुपये के हिसाब से 5 वर्ष के लिए 50 रुपये यानी कुल 60 रुपये का भुगतान करना होगा। रजिस्ट्रेशन की तरह शुल्क व अंशदान का भुगतान भी ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से करने की सुविधा होगी।
45 तरह काम करने वाले असंगठित श्रमिक आएंगे दायरे में
धोबी, दर्जी, नाई, मोची, माली, बुनकर (कोरी, जुलाहा), रिक्शा चालक, घरेलू कर्मकार, कूड़ा बीनने वाले, हाथ ठेला चलाने वाले, फुटकर सब्जी-फल-फूल विक्रेता, चाय-चाट ठेला लगाने वाली फुटपाथ व्यापारी, हमाल/कुली, जनरेटर लाइट उठाने वाले, कैटरिंग कार्य करने वाले, फेरी लगाने वाले, मोटरसाइकिल व साइकिल मरम्मत करने वाले, गैरेज कर्मकार, परिवहन में लगे कर्मकार, ऑटो चालक, सफाई कामगार, ढोल-बाजा बजाने वाले, टेंट हाउस में काम करने वाले, मछुवारे, तांगा/बैलगाड़ी चलाने वाले, अगरबत्ती (कुटीर उद्योग) वाले कर्मकार, गाड़ीवान, घरेलू उद्योग में लगे मजदूर, भड़भूजे, पशुपालन-मत्स्य पालन- मुर्गी बतख पालन में लगे कर्मकार, दुकानों में काम करने वाले ऐसे मजदूर जिन्हें ईपीएफ ईएसआई नहीं मिलती, खेतिहर कर्मकार, चरवाहा-दूध दुहने वाले, नाविक, नट/नटनी नसोईया, हड्डी बीनने वाले, समाचार पत्र बांटने वाले, ठेका मजदूर (जो भवन निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत व बोर्ड में कार्यरत आउटसोर्सिंग के कर्मकार तथा एसआई का भविष्य निधि योजना में शामिल ठेका मजदूरों को छोड़कर), सूत/ रंगाई-पुताई-धुलाई का कार्य करने वाले, दरी-कंबल/जरी-जरदोजी/चिकन का काम करने वाले, मांस की दुकान व पोल्ट्री शॉप, डेयरी पर काम करने वाले, कांच की चूड़ी व कांच के अन्य उत्पादों में काम करने वाले कर्मकार।
आलोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुख्यमंत्री के निर्देश पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए वेबपोर्टल तैयार किया जा रहा है। यूपी कामगार एवं श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के निर्देशन में सामाजिक सुरक्षा बोर्ड असंगठित श्रमिकों के लिए योजना तैयार करने का काम कर रहा है।'
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