हरियाणा में सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी, 2019 की तुलना में 13.82% कम हुए हादसे, सरकार की रिपोर्ट
चंडीगढ़। राज्य में विगत वर्ष हुए हादसों को लेकर सरकार की ताजा रिपोर्ट आई है।इस रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में विगत वर्ष 9431 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। जो कि वर्ष 2019 में दर्ज हादसों की तुलना में 13.82 प्रतिशत कम हैं। जहां 2019 में प्रतिदिन लगभग 30 सड़क हादसे दर्ज हुए, वहीं पिछले साल यह आंकडा 26 रहा। इसी प्रकार, सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में भी 10.87 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि घायलों की संख्या में भी 18.19 प्रतिशत की प्रभावशाली गिरावट देखी गई।
सरकार का दावा है कि, हरियाणा में साल 2020 में न केवल सड़क हादसों में कमी आई, बल्कि दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या भी कम हुई। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मनोज यादव ने यहां जानकारी देते हुए बताया कि, पुलिस द्वारा निंरतर किए जा रहे बेहतर ट्रैफ़िक प्रबंधन, सुरक्षा मानकों में विस्तार, यातायात नियमों का बेहतर प्रवर्तन के साथ सड़क एवं यातायात सुरक्षा के बारे में निरंतर जागरूकता से ही सड़क हादसों और इससे होने वाली मृत्यु दर में कमी संभव हो सकी है। हालाँकि, कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने भी सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में योगदान दिया।
डीजीपी ने सडक सुरक्षा के आंकड़ों को साझा करते हुए बताया कि 2020 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 1513 की गिरावट के साथ 9431 देखी गई, जबकि 2019 में यह आंकडा 10944 था। सडक हादसों में होने वाली मृत्युदर भी अपेक्षाकृत कम रही। जहां 2019 में सड़क हादसे में 5057 लोगों की मृत्यु हुई थी, वहीं 2020 में 550 की गिरावट के साथ यह आंकडा 4507 दर्ज किया गया। इसी प्रकार, सड़क हादसों में घायल होने वालों की संख्या में भी 1703 मामलों की प्रभावशाली गिरावट आई। 2019 में घायल हुए 9362 व्यक्यिों की तुलना में जनवरी से दिसंबर 2020 के बीच 7659 व्यक्तियों के घायल होने के मामले सामने आए।
हरियाणा के इन जिलों में इंटरनेट सुविधाएं बंद रखेगी सरकार, कहा- अफवाहों को रोकने का प्रयास
मानव जीवन को बहुमूल्य बताते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा सहित दुर्घटरनाग्रस्त वाहनों को हटाने के लिए सभी जिलों में 84 एम्बुलेंस, 40 बड़ी क्रेन और 22 छोटी/मध्यम क्रेन मुहैया करवाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, दुर्घटना पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ हर 10 किलोमीटर पर 45 ट्रैफ़िक सहायता बूथ भी स्थापित किए गए हैं।