कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यूपी में ऑक्सीजन आपूर्ति की तैयारियां तेज
लखनऊ। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस बार आक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। डिफेंस रिसर्च व डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) मिलकर लखनऊ के पांच अस्पतालों में प्रेशर स्विंग अब्सार्पशन (पीएसए) आक्सीजन प्लांट लगाएगा। यूपी के सभी जिलों में 127 और देश भर के सभी जिलों में कुल 1215 पीएसए प्लांट पीएम केयर फंड से लगेंगे। लखनऊ के पांच अस्पतालों के 6225 बेड को 5650 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन इस प्लांट से उपलब्ध होगी।
प्लांट के लिए इन अस्पतालों को चुना गया: लखनऊ में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ), डा. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट और डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल व छावनी जनरल अस्पताल को प्लांट लगाने के लिए चुना गया है। इन प्लांटों को लगाने की जिम्मेदारी डीआरडीओ की होगी। वहीं, एनएचएआइ वार्ड के पास प्लांट लगाने की लोकेशन को विकसित करेगा। एनएचएआइ के महाप्रबंधक/प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएन गिरी ने डीएम के साथ इन सभी अस्पतालों को पत्र भेजा है। केजीएमयू में सबसे अधिक 3405 बेड के लिए तीन हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता का पीएसए प्लांट लगेगा। एसजीपीजीआइ में 1412 बेड के लिए एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता का पीएसए प्लांट लगाया जाएगा।
डा. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट के 997 बेड के लिए एक हजार लीटर, सिविल अस्पताल के 351 बेड के लिए चार सौ लीटर और छावनी परिषद जनरल अस्पताल के 60 बेड के लिए 250 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला पीएसए प्लांट लगाया जाएगा। एनएचएआइ ने अपने पत्र मेें अस्पतालों को डीजी सेट तैयार करने, पीएसए प्लांट के संभावित स्थल से सभी बेड तक आक्सीजन पाइप लाइन से जोडऩे व प्लांट का संचालन करने के लिए दो तकनीकी कर्मचारियों को नामित करने के निर्देश दिए हैं। इनकी आनलाइन ट्रेनिंग भी होगी। छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी विकास कुमार ने बताया कि एनएचएआइ के पत्र के बाद अस्पताल में प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।