हरियाणा सरकार का ऐलान- 6000 एकड़ धान उत्पादक कृषि रकबे की 'राइस शूट' से बुझाई जाएगी प्यास
कैथल। हरियाणा सरकार ने खेती-किसानी के हित में बड़ा निर्णय लिया। सरकार ने सिचाई संकट से जूझते आ रहे करीब 6000 एकड़ धान उत्पादक कृषि रकबे को लहलहाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कृषि रकबे की प्यास 'राइस शूट' से बुझाई जाएगी। इतने बड़े इलाके में दरअसल, भूमिगत जल उपयोगी न होने के कारण समस्या बनी रहती थी, और चूंकि इस कृषि क्षेत्र में किसानों के पास धान की फसल के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। ऐसे में सरकार ने सिंचाई कराने के लिए राइस शूट (बरसाती मोगा) की मदद पहुंचाने पर काम शुरू कर दिया है।
राज्य के कृषि विभाग ने राइस शूट (बरसाती मोगा) के माध्यम से किसानों के खेतों को 300 रुपये प्रति एकड़ के खर्च से सिचाई पानी की सुविधा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे जहां किसानों के खेतों को जरूरत के अनुसार पानी मिलेगा, वहीं सिचाई विभाग को करीब 18 लाख रुपये की आय होगी। सिचाई विभाग उप मंडल अभियंता तरसेम गर्ग ने बताया कि राइस शूट की सुविधा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। सिचाई विभाग कैथल सर्कल अधीक्षक अभियंता जितेंद्र गोस्वामी के निर्देश पर 16 जुलाई तक राइस शूट के लिए आवेदन किए जा सकते हैं। उपरांत 25 जुलाई 2021 से 30 सितंबर 2021 तक खेतों को सिचाई पानी मुहैया करवाया जाएगा।
राइस
शूट
का
मानदंड
नहरी
पटवारी
खुशी
राम
और
राजीव
शर्मा
ने
बताया
कि
राइस
शूट
को
बरसाती
मोगा
भी
कहा
जाता
है।
इसके
माध्यम
से
किसानों
को
नहरी
पानी
की
सुविधा
दी
जाती
है।
सिचाई
विभाग
द्वारा
निर्धारित
मानदंडों
के
तहत
सिचाई
संसाधन
में
उपलब्ध
सिचाई
पानी
का
10
प्रतिशत
हिस्सा
राइस
शुट
के
लिए
दिया
जाता
है।
इसके
लिए
कम
से
सिचाई
संसाधन
में
10
क्यूसिक
पानी
की
उपलब्धता
अनिवार्य
है।
इसके
उपरांत
ही
राइस
शूट
का
लाभ
किसानों
को
मिलता
है।
जबकि
किन्हीं
कारणों
से
यदि
सिचाई
विभाग
के
पास
पानी
उपलब्ध
न
हो
तो
राइस
शूट
की
सुविधा
से
किसानों
को
वंचित
रहना
पड़ता
है।
ऐसा
होती
है
आवेदन
की
प्रक्रिया
राइस
शुट
के
लिए
किसान
सिचाई
विभाग
कार्यकारी
अभियंता
को
आवेदन
करते
हैं।
उपरांत
संबंधित
एसडीओ
द्वारा
जिलेदार-पटवारी
के
माध्यम
से
प्रक्रिया
पूरी
करवाते
हुए
आवेदन
की
मंजूरी
की
फाइल
अधीक्षक
अभियंता
को
भेजी
जाती
है।
वे
तमाम
पहलुओं
का
अध्ययन
करते
हुए
स्वीकृति
प्रदान
करते
हैं।
खेतों
की
प्यास
बुझाने
का
बड़ा
कदम
राइस
शूट
की
सुविधा
के
लिए
कम
से
कम
20
एकड़
भूमि
अनिवार्य
है।
सिचाई
पानी
की
एक-एक
बूंद
को
इस्तेमाल
करने
के
लिए
किसान
आपस
में
समूह
बनाकर
राइस
शूट
की
सुविधा
लेते
हैं।
बाद
सभी
किसान
आपस
में
अपने-अपने
हिस्से
का
पानी
बांटते
हुए
खेतों
को
सींचते
हैं।
यह
किसानों
के
लिए
कम
खर्च
पर
खेतों
की
प्यास
बुझाने
की
महत्वपूर्ण
योजना
है।
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इन
सिचाई
संसाधनों
से
मिलता
है
लाभ
काकौत
हेड
से
लेकर
बुर्जी
नंबर
79000
जुलानी
खेड़ा,
सुदकैन
माइनर,
चंदाना
हेड
से
धमतान
और
सिरसा
पर्लल,
धमतान
से
न्यू
कलायत,
सुदकैन
माइनर
और
चौशाला
माइनर
के
माध्यम
से
किसानों
को
राइस
शूट
की
सुविधा
सरकार
की
नीति
अनुसार
देने
का
प्रविधान
रखा
गया
है।